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लेख

न्यूडिस्ट और नैचुरिस्ट आन्दोलन तथा मीनल जैन की चर्चा

मीनल जैन की आजकल बेहद चर्चा है क्योंकि लंदन में नग्न बाइक राइड करके उन्होंने सुर्खियाँ बटोरी हैं. गूगल पर उनकी नग्न तस्वीरें भरी हुई हैं. लेकिन उनके इस प्रयास पर एक गंभीर लेख मिला नीतीश के. एस. का. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ============ मीनल जैन आज कल चर्चा में …

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निरुद्देश्य हिंसा किस इन्कलाब के लिए की जाती है?

नक्सलवादी आन्दोलन अपनी दिशा भटक चुका. कल सुकमा में पुलिस जवानों की हत्या के बाद समय आ गया है कि वे सोचें कि आखिर वे पाना क्या चाहते हैं. विमलेन्दु का लेख इसी मसले पर- दिव्या विजय ======================================================== चार साल पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं की नृशंस हत्या ने शायद पहली …

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जब चेतन भगत को पढने से परहेज नहीं तो पढ़ाने से क्यों?

‘हर तरफ ऐतराज होता है मैं अगर रौशनी में आता हूँ- लगता है दुष्यंत कुमार ने यह शेर चेतन भगत के लिए ही लिखा था. हालाँकि जितना ऐतराज होता है वे उतनी अधिक रौशनी में आते हैं. वे मुझे बहुत पसंद हैं- इसलिए नहीं कि वे बहुत अच्छा लिखते हैं. …

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नई नस्ल जौन एलिया को पढ़ती है और उनकी तरह दीवाना हो जाना चाहती है

जौन एलिया उर्दू शायरी का एक बड़ा करिश्मा हैं. न तो उनके पीछे किसी विचारधारा, किसी सियासत की ताकत थी, न उनको किसी ग़ज़ल गाने वाले ने गाकर मकबूल बनाया. बल्कि मरने के बाद न जाने उनकी शायरी ने नई नस्ल ने क्या देखा कि उनके चाहने वालों की तादाद …

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महिलाएं और पॉर्न बनाम ज़बरदस्ती की शर्म

कुछ टॉपिक्स ऐसे होते हैं, जिन पर बहस कभी ख़त्म नहीं होती। जैसे कि भाषा, फ़ेमिनिज़्म, पॉर्न, फ़्रीडम, नेशन, वग़ैरह। ज़ाहिर है हर लिखने वाले का अपना नज़रिया होता है। जिसकी सोच जितनी गहरी होती है, वो उतने खुले दिमाग़ से चीज़ों को सोचता है। हाल में इंटरनेट पर महिलाओं …

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विद्या बालन के नाम एक ‘मामूली’ दर्शक का ग़ैर मामूली ख़त

डियर विद्या, मैं हिंदी सिनेमा का एक बेहद मामूली दर्जे का दर्शक हूँ. बहुत दिनों से ये खत में मन में अटका हुआ था. कभी फुरसत नसीब नही होती थी तो कभी मैं खुद में गुमशुदा था. आपसे बात करने के लिए दिल को थोड़ी देर के लिए बंदिशों से …

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रेणु के उपन्यास ‘परती परिकथा’ पर आलोचक मदन सोनी का लेख

अभी कुछ दिनों पहले लन्दन में रहने वाले एक तथाकथित लेखक ने फणीश्वरनाथ रेणु का मजाक उड़ाते हुए लिखा कि उनकी भाषा का अनुवाद होना चाहिए क्योंकि उनकी बिहार के बाहर के लोगों को समझने में मुश्किल होती है. मुझे याद आया कि निर्मल वर्मा ने रेणु जी के ऊपर …

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कहानी कहने वाला इक कहानी की कहानी है

कहानी सुनने वाले जो भी हैं वो ख़ुद कहानी हैं कहानी कहने वाला इक कहानी की कहानी है – जौन एलिया  कहानी कहना-सुनना किसे पसंद नहीं होता. कहानियाँ लिखने के बहुत पहले से हम कहानियाँ कहते आये हैं. कहानी शब्द का अर्थ है कहना. कहानी का लिखित रूप अधूरा है …

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वैराग्य-साधन के द्वारा मुक्ति मेरे लिए नहीं है

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में एमफिल के छात्र राजकुमार ने रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविता में जागरण और मुक्ति की चेतना को लेकर एक अच्छा लेख लिखा है- मॉडरेटर ============================                          बांग्ला साहित्य के मूर्धन्य हस्ताक्षर रवीन्द्रनाथ ठाकुर बीसवीं शताब्दी के शुरुआती चार दशकों तक भारतीय साहित्याकाश में ध्रुवतारे की तरह चमकते रहे …

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मुक्ति-भवन – मोक्ष का वेटिंग रूम

कुछ फ़िल्में ऐसी होती है जो लीक से हटकर होती हैं। जिसे कुछ ख़ास तरह के लोग पसंद करते हैं। ऐसी ही फ़िल्म है मुक्ति भवन। फ़िल्म के बारे में युवा लेखक नागेश्वर पांचाल ने लिखा है। आप भी पढ़िए – सम्पादक ======================================================== गुस्ताव फ्लौबेर्ट कहते है “देयर इज नो …

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