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मृणाल पाण्डे का अथ वणिक रत्नसेन प्रबंध-4

यह जानकी पुल के लिए गौरव की बात है कि प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे एक कथा-श्रृंखला लिख रही हैं जो सबसे पहले जानकी पुल के पाठकों के लिए सामने आ रहा है. प्राचीन कथाओं के शिल्प में आधुनिक जीवन की गुत्थियाँ बहुत रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत कर रही हैं. आज …

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फ़िल्म डायरेक्टर विशाल भारद्वाज की कविता

विशाल भारद्वाज निर्देशित फ़िल्म ‘रंगून’ हाल में रिलीज़ हुई और बहुत चर्चा में है। जानकीपुल पर भी कई रिव्यू पढ़ा जा चुका है। लेकिन कम लोग जानते हैं कि विशाल कविताएँ भी लिखते हैं। जल्द ही उनकी कविताओं का संग्रह हमारे बीच होगा। फ़िलहाल पढ़ते हैं विशाल भारद्वाज की कविता, …

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शम्भुनाथ सिंह का गीत ‘मुझको क्या क्या नहीं मिला’

नई कविता की तर्ज़ पर नवगीत आन्दोलन चला था. जिसके सूत्रधार थे शम्भुनाथ सिंह. इन्होने तीन खण्डों में नवगीत दशक का संपादन किया था. आज की पीढ़ी नहीं जानती लेकिन शम्भुनाथ सिंह ने हिंदी में गीतों को रुमान से मुक्त करके एक नया रंग दिया था. उनका ही एक गीत- …

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प्रेम की नहीं देशप्रेम की फिल्म है ‘रंगून’

सिनेमा पर लिखता नहीं हूँ लेकिन रिव्यू पढ़कर सिनेमा देखता जरूर हूँ. ‘रंगून’ देखने के बाद यह महसूस हुआ कि रिव्यू पढ़कर कई बार सिनेमा देखने पर यह बुझाता है कि जो लिखा गया था वह तो फिल्म में है ही नहीं. ‘इन्डियन एक्सप्रेस’ समेत सभी बड़े अखबारों ने फिल्म की बड़ी …

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ओम प्रकाश आदित्य की कविता ‘इधर भी गधे हैं’

यूपी चुनाव और गधा विमर्श में ओम प्रकाश आदित्य की यह कविता भी पढियेगा- मॉडरेटर ============================================= इधर भी गधे हैं, उधर भी गधे हैं जिधर देखता हूं, गधे ही गधे हैं गधे हँस रहे, आदमी रो रहा है हिन्दोस्तां में ये क्या हो रहा है जवानी का आलम गधों के …

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हम सब भी इंसान रूप में कुछ-कुछ गधे ही हैं

सदन झा इतिहासकार हैं. आधुनिक इतिहास के गहरे अध्येता, सिम्बल्स को लेकर बहुत अच्छा काम कर चुके हैं. यूपी के गधा विमर्श में उन्होंने एक अलक्षित पहलू की तरफ ध्यान दिलाया है. पढने लायक- मॉडरेटर ============================================= हर दफे चुनाव कुछ नये शगूफे लेकर आता है। फिर, यूपी चुनाव की बड़ी …

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‘एक गधे की आत्मकथा’ के चुनिन्दा अंश

1950 के दशक के आखिरी वर्षों में उर्दू के मशहूर लेखक कृशन चंदर का उपन्यास आया था ‘एक गधे की आत्मकथा’. भारतीय लोकतंत्र पर बहुत बड़ा व्यंग्य था. उपन्यस में गधा प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु से भी मिलता है. कृशन चंदर ने अपनी आत्मकथा ‘आधे सफ़र की पूरी कहानी’ में लिखा …

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अज्ञेय की पहली जीवनी अंग्रेजी में लिखी जा रही है

कल एक कार्यक्रम में बोलते हुए अंग्रेजी के विद्वान् लेखक रामचंद्र गुहा ने यह बताया कि अज्ञेय की जीवनी लिखी जा रही है. प्रसिद्ध युवा पत्रकार अक्षय मुकुल हिंदी के विराट लेखक अज्ञेय की जीवनी अंग्रेजी में लिख रहे हैं. अक्षय ने ‘गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ़ हिन्दू इण्डिया’ पुस्तक …

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क्या ‘रंगून’ कंगना की सबसे यादगार फिल्म होगी?

‘रंगून’ फिल्म या तो हंटरवाली नाडिया जैसे किरदार के कारण चर्चा में है या कंगना रानाउत के कारण. फिल्म के ट्रेलर, गानों से लेकर फिल्म को लेकर दिए गए अपने इंटरव्यू वगैरह में कंगना ने जिस तरह से बातें की हैं वह ‘रंगून’ को लेकर एक ख़ास तरह की दिलचस्पी …

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निर्मल वर्मा के शब्दों में देशप्रेम का मतलब

आजकल ‘देशप्रेम’ की चर्चा चरम पर जिसके बल हर तरह की हिंसा को जायज ठहराने की कोशिश की जाने लगी है. मुझे महान लेखक निर्मल वर्मा के निबंध की याद आई- मेरे लिए भारतीय होने का अर्थ. आजादी के पचास साल पूरे होने पर उन्होंने यह निबंध लिखा था. बीस …

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