Home / Featured (page 2)

Featured

Featured posts

तसनीम खान की कहानी

विभाजन त्रासदी को क्या किसी एक दिन या एक साल से जोड़ कर देखा जा सकता है ? विभाजन वर्ष केवल एक है लेकिन उससे जुड़ी भयानक स्मृतियाँ एक निश्चित समय की नहीं हो सकती हैं। विभाजन पर भीष्म साहनी का उपन्यास ‘तमस’ सबके ध्यान में होगा, जो विभाजन के …

Read More »

‘बहुजन स्कालर्स फोरम’ द्वारा आयोजित गोष्ठी की रपट

‘बहुजन स्कॉलर्स फोरम‘ विभिन्न शोधार्थियों व विद्यार्थियों का एक संगठन है जिसके माध्यम से यह समय-समय पर सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक प्रयास करता रहता है। कल, 14 अप्रैल 2024 ई. को, बाबा भीमराव अंबेडकर की 133वीं  जयंती के उपलक्ष्य में ‘फोरम’ द्वारा एकदिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी …

Read More »

संदीप तिवारी की कविताएँ

आज पढ़िए युवा कवि संदीप तिवारी की कविताएँ। इन कविताओं को पढ़ते हुए उन बदली हुई परिस्थितियों पर सहज ही ध्यान चला जाता है जब कभी न कभी, धीरे-धीरे सबसे एक शहर छूट जाता है, जब जीवन में निश्चितताएँ अधिक थीं, तकनीकी विकास के आने से सुविधाएँ तो बहुत मिलीं …

Read More »

‘बोरसी भर आँच’ की उष्मा

आज पढ़िए यतीश कुमार की मार्मिक संस्मरण पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ की यह समीक्षा जिसे लिखा है कवि-तकनीकविद सुनील कुमार शर्मा ने। यह पुस्तक राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित है- ============================  कवि-कथाकार यतीश कुमार की सद्य प्रकाशित संस्मरण की किताब ‘बोरसी भर आँच’ पढ़ते हुए बशीर बद्र साहब का यह मानीखेज …

Read More »

सुरेश पंत की किताबों ‘शब्दों के साथ-साथ’ व ‘शब्दों के साथ-साथ-2’ की समीक्षा

भाषा, जिसमें हम हर वक्त जीते हैं। एक बात जो बहुत ज़्यादा महसूस होती है कि भाषा के बारे में शुरुआती स्तर पर हर कोई यही कहते आए हैं कि ‘भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है’ लेकिन क्या यह बस इतना ही है? क्या ऐसा नहीं कि भाषा जितनी अभिव्यक्ति का …

Read More »

बेबी हालदार से शर्मिला जालान की बातचीत

बेबी हालदार, एक ऐसा नाम जिनकी जीवन यात्रा हमें स्तब्ध करती है। एक ऐसी महिला जिनकी शादी बहुत जल्द करा दी गई, उसी जल्दबाजी में बच्चे भी हो गए। लेकिन अपने जीवन में वह इज्ज़त, गरिमा नहीं मिल पाई जिसका हकदार प्रत्येक व्यक्ति होता है। सालों बाद उनकी किताब आती …

Read More »

किंशुक गुप्ता की कहानी ‘ज़ी-होश’

युवा लेखकों में किंशुक गुप्ता की कहानियों ने कम समय में ही सबका ध्यान आकर्षित किया है। वे नई संवेदनशीलता के साथ आये हैं और हिन्दी कहानी में एक नई लकीर खींच रहे हैं। आज पढ़िए उनकी कहानी जो वैसे तो ‘हंस’ पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है लेकिन अधिक …

Read More »

तसलीमा नसरीन की कविताएँ, अनुवाद- गरिमा श्रीवास्तव

प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन की कुछ नयी कविताओं का बंगला से हिन्दी अनुवाद प्रोफ़ेसर गरिमा श्रीवास्तव ने किया है। आप भी पढ़ सकते हैं- =========================== 1.मैं हूँ अनश्वर बुरका न पहनने पर त्रिपोली में जिस लड़की को सरे- राह मारा गया- वह मैं हूँ जर्सी पहन फ़ुटबाल खेलने पर ढाका …

Read More »

रज़ा युवा-2024 – सीखने का व्यापक मंच

रज़ा न्यास द्वारा आयोजित ‘युवा 2024’ का आयोजन यादगार रहा। यह युवा का सातवाँ आयोजन था। युवा रचनाकारों के लिए हिन्दी पट्टी में इस तरह का शायद ही कोई दूसरा आयोजन होता हो। दो दिन चले कार्यक्रम पर यह रपट लिखी है युवा लेखिका अनु रंजनी ने। आप भी पढ़ …

Read More »

विश्व रंगमंच दिवस विशेष

आज विश्व रंगमंच दिवस है। आज पढ़िए कवि-नाट्य समीक्षक मंजरी श्रीवास्तव का यह लेख जो कुछ यादगार अंतरराष्ट्रीय नाट्य प्रस्तुतियों को लेकर है- ======================== 1. आज विश्व रंगमंच दिवस पर मैं आप सबसे बातचीत करूंगी कुछ यादगार अंतर्राष्ट्रीय नाट्य प्रस्तुतियों पर जिनमें से कुछ नाटक मैंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा …

Read More »