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Prabhat Ranjan

क्यों ‘पिंक’ जैसी फिल्मों की जरूरत है संवेदनहीन पुरुष समाज के लिए?

अनिरुद्ध रॉय चौधरी निर्देशित और रितेश शाह लिखित फिल्म ‘पिंक’ की बड़ी चर्चा है. इस फिल्म के प्रभाव को लेकर, इसके द्वारा उठाये गए सवालों को लेकर लेखिका दिव्या विजय ने यह टिप्पणी लिखी है- मॉडरेटर  ============ एक मौन चीख़ हृदय से हर बार निकलती है जब लड़कियों को परदे …

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रस्किन बांड की कहानी ‘अँधेरे में एक चेहरा’

रस्किन बांड ने भूतों-प्रेतों की अलौकिक दुनिया को लेकर अनेक कहानियां लिखी हैं. उनकी ऐसी ही कहानियों का संकलन ‘अँधेरे में एक चेहरा’ नाम से राजपाल एंड संज प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. अंग्रेजी से इन कहानियों का अनुवाद किया है युवा लेखिका रश्मि भारद्वाज ने. उसी किताब से एक …

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रेखा के रहस्य को उद्घाटित करने वाली किताब

इन दिनों यासिर उस्मान द्वारा रेखा पर लिखी गई किताब ‘रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी’ की अंग्रेजी में बहुत चर्चा है. जगरनौट प्रकाशन से प्रकाशित यह किताब अब हिंदी में भी आने वाली है. बहरहाल, युवा लेखिका दिव्या विजय ने अंग्रेजी की इस किताब को पढ़कर हिंदी में इसके ऊपर पहली …

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न्यू टाइप हिंदी में हैपी हिंदी डे!

आज हिंदी दिवस है. यह दिवस क्या हिंदी का स्यापा दिवस होता है? हर साल सरकारी टाइप संस्थाओं में हिंदी के विकास का संकल्प ऐसे लिया जाता है जैसे 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने देश के विकास का संकल्प लिया था. सरकारी स्यापे से अलग हिंदी ‘नई वाली’ …

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सुदीप नगरकर का उपन्यास ‘वो स्वाइप करके उतर गई दिल में मेरे’

सुदीप नगरकर अंग्रेजी में उपन्यास लिखते हैं और युवाओं के चहेते हैं. मैं जब पिछली बार पटना गया था पटना विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सत्यम कुमार झा के हाथ में उनका उपन्यास देखकर चौंक गया था. मैंने सोचा उसके उपन्यासों को हिंदी में किया जाए. वह रोमांस तो लिखते हैं लेकिन …

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कड़वे बादाम की खुशबू और ‘लव इन द टाइम ऑफ़ कॉलरा’

गैब्रियल गार्सिया मार्केज़ के उपन्यास ‘लव इन द टाइम ऑफ़ कॉलरा’ प्रेम का महाकाव्यात्मक उपन्यास है. इस उपन्यास की न जाने कितनी व्याख्याएं की गई हैं. इसके कथानक की एक नई व्याख्या आज युवा लेखिका दिव्या विजय ने की है- मॉडरेटर  ===================== महबूब कहे तुम मोहब्बत करती हो मगर वैसी नहीं। मैं पूछूँ कैसी? और वो सामने रख दे यह किताब और आँखें जगर मगर हो उठें पहली ही पंक्ति पर। ‘कड़वे बादाम कीख़ुशबू उसे हमेशा एकतरफ़ा प्यार के भाग्य की याद दिलाती थी!’  मार्केज़ के अनेक विलक्षण कार्यों में से एक है ‘लव इन द टाइम ऑफ़ कॉलरा।‘  किताब पढ़ना कई तरह का होता है। …

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भारत भूषण पन्त की ग़ज़लें

आज भारत भूषण पन्त की ग़ज़लें. भारत भूषण पन्त शायर वाली आसी के शागिर्द रहे और मुनव्वर राना के उस्ताद-भाई. एक बार मुनव्वर राना ने ‘तहलका’ पत्रिका में दिए गए अपने इंटरव्यू में उनकी शायरी की चर्चा भी की थी. उर्दू के इस जाने माने शायर को आज हिंदी में …

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गीताश्री की नयी कहानी ‘टच मी नॉट’

गीताश्री की कहानियों की रेंज बहुत बड़ी है. दुर्भाग्य से उनकी कहानियों के ऊपर ध्यान नहीं दिया गया है. एक तरफ उन्होंने गाँव-देहातों की सशक्त स्त्री पात्रों को लेकर कहानियां लिखी हैं तो दूसरी तरफ समकालीन जीवन स्थितियां उनकी  में सशक्त तरीके से उभर  हैं. मसलन, यही कहानी।  इसका अंत …

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हिंदी जगत के लिए एलियन जैसे थे नीलाभ- भूमिका द्विवेदी

‘सामायिक सरस्वती’ पत्रिका का जुलाई अंक हाथ में आया तो सबसे पहले इस स्मरण-लेख पर नजर ठहर गई. पढता गया, नीलाभ जी की यादों में डूबता गया. उनकी पत्नी भूमिका द्विवेदी ने बहुत दिल से लिखा है और नीलाभ जी के बोहेमियन व्यक्तित्व का सम्यक मूल्यांकन करने की एक रचनात्मक …

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गैब्रियल गार्सिया मार्केस की कहानी ‘संत’

मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी गई तो स्पैनिश लेखक गैब्रियल गार्सिया मार्केस की कहानी ‘सेंट’ की याद आई. अंग्रेजी की प्राध्यापिका और वरिष्ठ लेखिका विजय शर्मा ने इस कहानी का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया है. आज पढियेगा- मॉडरेटर  ============================ बाइस वर्ष बाद ट्रास्टवेयरे की पतली रहस्यमयी …

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