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Prabhat Ranjan

उषाकिरण खान की कहानी ‘कौस्तुभ स्तंभ’

उषाकिरण खान हिंदी की वरिष्ठ लेखिका हैं. मिथिला की मिटटी-पानी की गंध उनकी रचनाओं में खूब है. बिहार के बाढ़ के मौसम में उनकी यह कहानी याद आई- मॉडरेटर  ======================================        ‘माँ ….. ओ माँ …  तुम ठीक तो हो ना … कैसी हो ……? आवाज … ओ।‘        चीख-चीखकर बेटा …

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जय नारायण बुधवार की ग़ज़लें

जय नारायण बुधवार को बरसों से हम ‘कल के लिए’ पत्रिका के संपादक के तौर पर जानते रहे हैं. वे बहुत अच्छी क्लासिकी अंदाज़ की ग़ज़लें लिखते हैं. आज उनकी चुनिन्दा ग़ज़लें- मॉडरेटर  ====================== 1.  कुँआ ये प्यार का प्यासा बहुत है  सम्हलना,देखकर,गहरा बहुत है। मेरे दिल पर न कोई …

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जोगेंद्र पॉल का उपन्यास अंग्रेजी में

जोगेंद्र पॉल  उर्दू के जाने माने लेखक  थे. . हाल में ही उनका  देहांत  हुआI उनके उपन्यास ”नादीद ‘ ‘का अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित हुआ है’ब्लाइंड’ नाम से. अनुवाद सुकृता  पॉल कुमार और हिना नंदराजोग ने किया है. अनुवाद  की समीक्षा सरिता  शर्मा ने की है – मॉडरेटर  ========================  जोगेंद्र पॉल …

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‘दिल्ली में पैसा है। गांव में कुछ भी नहीं’

कुछ महीने पहले बिहार के सिवान में ‘कथा शिविर’ का आयोजन किया गया था. जिसमें कई पीढ़ियों के लेखकों ने हिस्सा लिया. लेखक-लेखिकाओं ने वहां के जीवन को करीब से देखा और बाद में अपने लेखन में याद किया. यहाँ प्रसिद्ध लेखिका वंदना राग का रागपूर्ण स्मरण, जिसमें हर्ष भी …

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संजय चतुर्वेदी की चुनिन्दा कविताएं

आज संजय चतुर्वेदी की कवितायेँ. 90 के दशक में इनकी कविताओं ने कविता की भाषा बदली थी, संवेदना का विस्तार किया था. मुझे याद है ‘इण्डिया टुडे‘ के साहित्य वार्षिकांक में इनकी एक कविता छपी थी जिसमें एक पंक्ति थी ‘इण्डिया में एक सेंटर है जो इन्टरनेशनल है‘. बहुत चर्चा …

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दक्षिण कोरियाई फ़िल्म निर्देशक किम की-डुक की पंचतत्वीय अक्षुण्ण गाथा

कुछ दिन पहले हम ने श्री श्री की कविताएं पढ़ी थीं. आज उन्होंने प्रसिद्ध कोरियन फिल्म निर्देशक किम की डुक की पांच फिल्मों का सूक्ष्म विश्लेषण किया है. पढियेगा- मॉडरेटर  ==================================================== सिनेमाई सौंदर्य को कठोर धरातल पर एक महीन दार्शनिक विद्वता के साथ समानांतर ले चलते हुए उस बोध पर …

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अंग्रेजी बोलना गौरव हरियाणवी बोलना कलंक! है न शोभा जी?

रियो ओलम्पिक और उसको लेकर खिलाड़ियों के ऊपर आने वाली ऊलजुलूल प्रतिक्रियाओं के बहाने जाने-माने पत्रकार, लेखक रंजन कुमार सिंह का एक चुभता हुआ, झकझोर देने वाला लेख- मॉडरेटर  =============== मैं भारत का एक अदना सा नागरिक, रंजन कुमार सिंह, अपनी और से और अपनी औकात से बाहर जाकर पूरे …

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पति, पत्नी और वो का मुकदमा और ‘रुस्तम’

नानावती के प्रसिद्ध मुकदमे को लेकर फिल्म आई है ‘रुस्तम’. पति, पत्नी और वो की इस कहानी को देखने का नजरिया भी समय के साथ बदलता जा रहा है और इसकी व्याख्या भी. ‘रुस्तम’ की एक आलोचनात्मक समीक्षा लेखिका दिव्या विजय ने लिखी है- मॉडरेटर. ============================================ सीपिया शेड की यह …

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आप भाग्यशाली हैं कि आप के पास अपना कहने के लिए एक देश है

कथाकार मनोज कुमार पाण्डे बहुत तार्किक ढंग से वैचारिक लेख लिखते हैं. आज़ादी को याद करने के मौसम में उनका यह लेख पढियेगा- मॉडरेटर  ============================== आज के लगभग सत्तर साल पहले हमें वह आजादी मिली जिसे आज हम पाठ्य पुस्तकों में आजादी के नाम से पढ़ते जानते हैं। तब से …

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हंसदा सोवेंद्र शेखर की कहानी ‘नवंबर प्रवास का महीना है’

आजकल आदिवासी जीवन को लेकर लेखन की चर्चा है. ऐसे में याद आया साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2015 से सम्मानित हंसदा सोवेंद्र शेखर की अंग्रेजी किताब ‘आदिवासी विल नॉट डांस’, जिसका हिंदी अनुवाद राजपाल एंड सन्ज प्रकाशन से शीघ्र प्रकाशित होने वाला है. अनुवाद हिंदी की युवा कवयित्री रश्मि भारद्वाज …

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