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Prabhat Ranjan

स्त्री के अंतर्मन की परतों को उघाड़ती कहानियाँ

विजयश्री तनवीर का कहानी संग्रह ‘सिस्टर लिसा की रान पर रुकी हुई रात’ प्रकाशित होने के साथ ही लगातार चर्चा में है। इसमें कोई संदेह नहीं कि विजयश्री की कहानियों का अपना मुहावरा है जो बहुत अलग है और ताज़ा है। हिंद युग्म से प्रकाशित उनके इस संग्रह पर युवा …

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एडिनबरा के भूमिगत भूत: मनीषा कुलश्रेष्ठ

प्रसिद्ध लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ का गद्य बहुत सम्मोहक होता है। इस यात्रा वृत्तांत में तो वह और भी निखार का आया है। आप भी पढ़िए- ====================== स्कॉटलैंड एक रहस्यमयी और सपनीला टुकड़ा है इंग्लैंड का। मैं तो स्कॉटलैंड को अलग देश मानने से भी गुरेज़ न करूं। ठीक वैसे ही …

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सचिन कुंडलकर के उपन्यास ‘कोबॉल्ट ब्लू’ का एक अंश

मराठी लेखक सचिन कुंडलकर का उपन्यास आया है ‘कोबॉल्ट ब्लू’। इस उपन्यास का मराठी से हिंदी में अनुवाद किया है गीत चतुर्वेदी ने। पेंगुइन हिंद पॉकेट बुक्स से प्रकाशित इस उपन्यास का एक अंश पढ़िए- ======================== जब तुम इस कमरे में आए, तुमने कहा, ‘कितनी टेम्प्टिंग सुगंध है इस कमरे …

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      ऐ मेरे रहनुमा: पितृसत्ता के कितने रूप

    युवा लेखिका तसनीम खान की किताब ‘ऐ मेरे रहनुमा’ पर यह टिप्पणी लिखी है दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय गया की शोधार्थी अनु रंजनी। उनकी लिखी विस्तृत टिप्पणी पढ़िए- ==========================      ‘ऐ मेरे रहनुमा’ यह शीर्षक ऐसा भाव देता है जैसे अपने सबसे प्रिय व्यक्ति को संबोधित किया जा रहा …

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यह किताब तो अहसासों का गुलदस्ता है

देवी प्रसाद मिश्र की पुस्तक ‘मनुष्य होने के संस्मरण’ पर कवि यतीश कुमार की यह टिप्पणी पढ़िए. यह पुस्तक राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- जानकी पुल ================================ दोहे और मुहावरों को अमरत्व प्राप्त है और अगर कहानियाँ इस ओर मुखर होकर अमरत्व चख लें तो मुहावरों में बदल जाते हैं। …

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ज्योति शर्मा की कहानी ‘माया मेमसाहब द्वितीय’

आज पढ़िए युवा लेखिका ज्योति शर्मा की कहानी ‘माया मेमसाहब द्वितीय’। कहानी लम्बी है लेकिन कुछ भिन्न प्रकृति की है। पढ़कर राय दीजिएगा- ============================ माया मेमसाब फ़िल्म देखने के बाद ही मुझे पीरियड होने शुरू हुए थे। हुआ यह कि मोना का बड़ा भाई मनसू बारहवीं में पढ़ता था और …

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वीरेंद्र प्रसाद की नई कविताएँ

डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद अर्थशास्त्र एवं वित्तीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है और वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। वे पशु चिकित्सा विज्ञान में भी स्नातकोत्तर  हैं। रचनात्मक लेखन में उनकी रुचि है। प्रस्तुत है भीड़भाड़ से दूर रहने वाले कवि-लेखक वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ कविताएँ जिनको पढ़ते …

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आलमशाह खान का कथा लेखन अविस्मरणीय – असग़र वजाहत

1970-1980 के दशक में आलमशाह खान की कहानियों की धूम थी। उस समय की लोकप्रिय पत्रिका ‘सारिका’ में उनकी एक कहानी छपी थी ‘किराए की कोख’ जिसको लेकर बहुत हंगामा हुआ था। 17 मई को उनकी स्मृति में उदयपुर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उसी की एक रपट …

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मौत के साये में जीवन कथा

आशुतोष भारद्वाज की पुस्तक ‘मृत्यु कथा’ पर यह टिप्पणी लिखी है दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय की शोधार्थी अनु रंजनी ने। बस्तर में चल रहे संघर्ष को लेकर यह अपने ढंग की अकेली किताब है। हम दूर बैठे लोगों को वह जीवन बहुत करीब से दिखाती है जिसको हम नक्सल समस्या …

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शब्दों के बीच दालचीनी की ख़ुशबू बिखरी है!

आज पढ़िए चर्चित युवा कवयित्री अनामिका अनु के कविता संग्रह ‘इंजीकरी’ पर यतीश कुमार की यह टिप्पणी। और हां, इस बार अर्से बाद उन्होंने पद्य में नहीं गद्य में लिखा है- =================== कुछ रचनाएँ ऐसी होती हैं जो विषय विविधता के साथ शब्दों की कोमलता व अर्थ का विराट और …

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