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Prabhat Ranjan

गीताश्री की नायिकाएं बोल्ड हैं क्रूर नहीं

गीताश्री की कहानियों को पढ़े बिना समकालीन स्त्री विमर्श को समझना बहुत मुश्किल है. प्रचार-प्रसार, नारेबाजी से डोर उनकी कहानियां अपनी जमीन पर बहुत मजबूती से खड़ी दिखाई देती हैं. हाल में ही सामायिक प्रकाशन से उनका संग्रह आया है ‘स्वप्न, साजिश और स्त्री’. उसकी कहानियों पर कलावंती का यह …

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‘मेकिंग ए मर्डरर’ के बहाने कुछ सवाल

‘मेकिंग अ मर्डरर‘ डॉक्युमेंट्री सीरिज देखकर युवा पत्रकार-लेखक अमित मिश्र ने यह लेख लिखा है. अमेरिकी न्याय-व्यवस्था के ऊपर कई सवाल उठाता हुआ. अमित जी फिल्मों की गहरी समझ रखते हैं और एक पेशेवर की तरह समस्या की नब्ज पर उंगली रखना जानते हैं, किसी किस्सागो की तरह नैरेटिव लिखना …

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रश्मि भारद्वाज की कहानी ‘जलदेवी’

रश्मि भारद्वाज की कविताओं से मैं बहुत प्रभावित हुआ था. लेकिन उसकी इस कहानी ने मुझे चौंका दिया. किसी लोककथा की शैली में यह कहानी बढती चलती है, गाँव के जमीन से जुड़ी ठोस कहानी. मुझे गर्व होता है कि मेरी छोटी बहन इतना अच्छा लिख सकती है. ज्यादा लिखना …

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शब्दों के साधक की कृतित्व-कथा ‘शब्दवेध’

संयोग से हिंदी के पहले थिसॉरस ‘समान्तर कोश’ के प्रकाशन का यह 20 वां साल है. हमने अरविन्द कुमार जी को इसी के माध्यम से नए सिरे से जाना था. हाँ, यह जानता था कि वे मेरी प्रिय फिल्म पत्रिका ‘माधुरी’ के संपादक थे. हालाँकि वे जिस दौर में उस …

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न खिलाड़ी पैदा करना आसान है, और न स्पोर्ट्स फ़िल्में बनाना!

‘साला खडूस’ नहीं देखी है तो प्रसिद्ध लेखिका अनु सिंह चौधरी की इस रिव्यू को पढ़ लीजिये. इस विस्तृत रिव्यू को पढ़कर लगा कि फिल्म को देखा जा सकता है. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  ============================================================ आर माधवन के लिए हम इतने ही पागल हैं कि रामजी लंदनवाले और १३बी जैसी …

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साहित्य एक अनवरत यात्रा है- अवधेश प्रीत

अवधेश प्रीत गंभीर लेखकों में से एक हैं जो अपने समय के जरूरी सवालों में हस्तक्षेप करते हैं और सक्रिय पत्रकारिता करते हुए हस्तक्षेप, नृशंस, हमजमीन, कोहरे में कंदील, और चांद के पार एक चाभी जैसे पांच कहानी संग्रह दिए. इनकी कई कहानियों का उर्दू में अनुवाद ही नहीं हुआ बल्कि कुछ का नाट्य-मंचन …

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‘एयरलिफ्ट’ को ऐतिहासिक घटना से जुदा कर फिल्म रूप में देखा जाना चाहिए

प्रसिद्ध लेखिका अनु सिंह चौधरी ने ‘एयरलिफ्ट’ फिल्म पर लिखा है. वह बहुत संतुलित लिखती हैं. फिल्म को हर पहलू से देखते-समझते हुए. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  ============================================= एयरलिफ्ट देखते हुए मैंने दो काम किए, पहला फ़िल्म के दौरान ही कुवैत इवैकुएशन गूगल किया और दूसरा, अपने फ़ोन में सीवान …

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‘जुगनी’ की कहानी एक किस्म का आत्मअन्वेषण है

फिल्म ‘जुगनी’ पर युवा लेखिका अनु सिंह चौधरी जी ने इतना अच्छा लिखा है कि पढने के बाद मैं यह सोच रहा था कि फिल्म अब कहाँ देखी जा सकती है. वह ज़माना तो रहा नहीं जब फ़िल्में सिनेमा हॉल में हफ़्तों टिकी रहती थी. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  ========================================== …

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‘लो का सांबरी’ की कविताएं

90 के दशक के आरंभिक वर्षों में जिस कविता संग्रह की कविताओं ने बहुत प्रभावित किया था वह संग्रह करीब 20 साल बाद वाणी प्रकाशन से दुबारा प्रकाशित हुआ है- ‘लो का सांबरी‘. तेजी ग्रोवर का यह कविता संग्रह कल खरीदा. उसकी कुछ कविताएं. इसी संग्रह की कविता पर उनको …

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देवयानी भारद्वाज की चुनिन्दा कविताएं

इस पुस्तक मेले में एक उल्लेखनीय कविता संग्रह आया है देवयानी भारद्वाज का ‘इच्छा नदी के पुल पर’. दखल प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह की कुछ चुनिन्दा कविताएं. देवयानी जी की कविताओं की आवाज बिलकुल अलग है, समकालीन कवियों में सबसे ठोस. अस्त्रित्व को लेकर इतनी गहरी चिंता कम ही …

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