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ज्योति मोदी की कविताएँ

सजग पाठिका एवम सदैव साहित्य सृजन में उन्मुख ज्योति मोदी अंग्रेजी साहित्य में स्नातक हैं। इनकी कई कविताएं राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय संकलनों में प्रकाशित हो चुकी हैं।  प्रेम, प्रकृति, विरह के भाव की परिचायक हैं इनकी लेखनी। आइए पढ़ते हैं कुछ कविताएँ – दिव्या विजय ======================================================= एकालाप परिंदों से भरे छज्जे पर …

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वाइन पीना दिमाग की सेहत के लिए सबसे अच्छा होता है!

हमारे देश में शराबंदी के पीछे राजनीतिक कारण अधिक होते हैं. कोई सोची समझ रणनीति नहीं होती है. आज ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में बहुत अच्छा सम्पादकीय पढ़ा. इसमें लिखा गया है अमेरिका के येल यूनिवर्सिटी के एक वैज्ञानिक ने शोध में यह पाया है कि वाइन पीने से दिमाग दुरुस्त रहता …

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अब पुस्तक समीक्षा लिखते हुए डर लगने लगा है

मैंने अपने लेखन की शुरुआत पुस्तक समीक्षा से की थी. विद्यार्थी जीवन में लिखने से पत्र-पत्रिकाओं से कुछ मानदेय मिल जाता था. ‘जनसत्ता’, ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ के संपादक, साहित्य संपादक बहुत उदारता से किताबें दिया करते थे. एक तो पढने के लिए किताबें मिल जाती थीं, दूसरे, कम शब्दों में …

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ओशो रजनीश की निगाह में भगवान महावीर

आज महावीर जयंती है. उनके बारे में ओशो के विचार प्रस्तुत हैं- मॉडरेटर ====================================== महावीर के जन्म से लेकर उनके साधना के शुरू होने के काल तक कोई स्पष्ट घटनाओं का उल्लेख उपलब्ध नहीं है. ये बड़ी महत्वपूर्ण बात है. जीसस के जीवन के भी शुरुआती तीस वर्षो का कोई …

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‘चंपारण प्रयोग’ और गाँधी का जादू कैसे चला

यह गांधी के चम्पारण सत्याग्रह की शताब्दी का साल है. इस मौके को ध्यान में रखते हुए प्रसिद्ध पत्रकार और मूलतः चंपारण के निवासी अरविंद मोहन ने एक किताब लिखी है ‘चंपारण प्रयोग’. पुस्तक उन्होंने महात्मा गांधी के कम्युनिकेटर रूप को ध्यान में रखते हुए काफी अलग तरह से लिखी …

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अजय नावरिया की कहानी ‘विखंडन’

अजय नावरिया समकालीन हिंदी के उन लेखकों में हैं जिन्होंने हिंदी लेखन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी. मुझे एक संस्मरण याद आ रहा है. एक बार नॉर्वे की एक युवा लेखिका भारत आई. वह ‘जानकी पुल’ की पाठिका थी. उसके साथ ईमेल से बातचीत भी होती थी. दिल्ली आने के बाद …

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अशोक कुमार, उत्पल दत्त से होते हुए रुस्तम के अक्षय कुमार तक आ पहुंचा है

अक्षय जब से उत्कृष्ट अभिनय के लिए राष्टीय पुरस्कार के विजेता घोषित हुए हैं तब से लोग ताज्जुब में हैं. तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं कि उन्हें यह पुरस्कार मिला तो आखिर क्यों मिला? उनके प्रशंसक उनका पक्ष लेते हुए कहते हैं कि अक्षय बहुत मेहनती हैं. इसमें …

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लोग मरने के बाद स्वर्ग जाते हैं पर कुमार गंधर्व तो आए ही स्वर्ग से थे!

आज कुमार गन्धर्व की जयंती है. शास्त्रीय संगीत के इस अप्रतिम गायक को याद करते हुए नॉर्वे प्रवासी डॉ. प्रवीण कुमार झा ने यह बहुत अच्छा लेख लिखा है. एकदम आम आदमी के नजरिये से- मॉडरेटर ============================================ बिना फेफड़े के कोई महान गायक बन सकता है? वो भी हिंदुस्तानी संगीत …

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मैथिली सिनेमा को भी ‘अनारकली’ का इंतज़ार है

  अरविन्द दास ने मीडिया पर बहुत अच्छी शोधपूर्ण पुस्तक लिखी है. एक प्रतिष्ठित मीडिया हाउस में काम करते हैं. समकालीन विषयों पर बारीक नजर रखते हैं और सुचिंतित लिखते हैं. अब यही लेख देखिये मैथिली सिनेमा की दशा-दिशा पर कितना बढ़िया लिखा है- मॉडरेटर ===================== ‘अनारकली ऑफ आरा ‘फ़िल्म …

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युवा शायर #4 नकुल गौतम की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है नकुल गौतम की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ग़ज़ल-1 अब मेरे दिल में नहीं है घर तेरा ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा हाँ! ये माना है मुनासिब डर तेरा आदतन नाम आ गया लब पर तेरा भूल तो जाऊँ तुझे पर क्या करूँ उँगलियों …

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