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कथा-कहानी

भावना शेखर की कहानी ‘संधिपत्र’

आज पढ़िए भावना शेखर की कहानी ‘संधिपत्र’। रिश्तों के तानों-बानों में बनती-सिमटती यह कहानी बहुत कुछ न कहके भी बहुत कुछ कह जाती है- =========================== खिड़की से आती हवा के झोंके दीवार पर टंगे कैलेंडर के पन्नों को फडफड़ा देते मानो उसे याद दिला रहे हों कि चार दिन हो …

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  सारंग उपाध्याय की कहानी ‘अकेली मुंबई, अजनबी कोलकाता’ 

सारंग उपाध्याय पेशे से पत्रकार हैं और बहुत संवेदनशील लेखक। हाशिए के लोगों के जीवन के सुख-दुःख को लेकर यह एक मार्मिक कहानी है। आप भी पढ़कर बताइएगा- ============================ बारिश काले बादलों में अब भी अटकी थी. उमस लोगों के चेहरे से टपक रही थी. सुबह के 7 बजे थे. …

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राधाकृष्ण की कहानी ‘वरदान का फेर’

कल सत्यानंद निरुपम जी ने राधाकृष्ण की कहानी ‘वरदान का फेर’ की याद दिलाई। राधाकृष्ण को लोग भूल गए हैं लेकिन कभी प्रेमचंद ने उनकी प्रशंसा की थी और युवा शोधकर्ता संजय कृष्ण ने लिखा है कि प्रेमचंद के निधन के बाद ‘हंस’ का काम देखने के लिए शिवरानी देवी …

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अनामिका अनु की कहानी ‘भीगे तकिए धूप में’ 

अनामिका अनु को एक कवयित्री के रूप में हम सब पढ़ते आए हैं। उनको कविता के लिए भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार मिल चुका है। यह उनकी पहली कहानी है। आप भी पढ़ सकते हैं- =============== मीनल सोलह साल की हो गयी है। अब  वह माँ के तकिए रोज सबेरे धूप में  …

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प्रज्ञा की कहानी ‘बुरा आदमी’

प्रज्ञा समकालीन कहानी का जाना-माना नाम हैं। आज उनकी कहानी ‘बुरा आदमी’ पढ़िए। यह कहानी ‘पहल’ पत्रिका के कहानी विशेषांक में प्रकाशित हुई थी। आप यहाँ पढ़ सकते हैं।      आज मैंने ठान लिया था टूटेजा सर शाम के समय कोई चक्कर लगवाएंगे तो साफ इंकार कर दूंगा। कई दिन …

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प्रियंका ओम की कहानी ‘विष्णु ही शिव है’

युवा लेखिका प्रियंका ओम की कहानी ‘विष्णु ही शिव है’ कथा-मासिक ‘हंस’ में प्रकाशित हुई है। यह संभवतः उनकी पहली लम्बी कहानी है। ‘हंस’ से साभार हम प्रकाशित कर रहे हैं- ========================   उसे समझ नहीं आ रहा था वह क्या करें? अपना ध्यान कैसे बंटाए ? कहाँ बंटाए । …

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विनीता परमार की कहानी ‘विसर्जन’

विनीता परमार पेशे से अध्यापिका हैं। स्त्री जीवन के जद्दोजहद को कहानियों में ढालती हैं। आज उनकी ताज़ा कहानी पढ़िए- =============================  साची ने कंडक्टर की आवाज़ सुन अपना सर ऊपर उठाया, देखा कि बस रुक चुकी है। बस की सीट पर पिछले एक घंटे से धँसी वह उस अहसास के …

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राजुला मालूशाही की कथा: मृणाल पाण्डे

हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाएँ लिख रही थीं। यह 28 वीं कथा और इस सीरिज़ की अंतिम कथा। इन लोक कथाओं के माध्यम से हमने देश की विविधवर्णी छवियाँ देखी, कथाएँ देखी। सीरिज़ की अंतिम कथा कुमाऊँ की प्रसिद्ध राजुला मालूशाही की …

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सरों के धड़ से जुड़ने की कथा: मृणाल पाण्डे

प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे की कथा सीरिज़ बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाएँ की यह 27वीं कहानी है। शायद ही किसी लेखक ने इतनी लम्बी कथा सीरिज़ लिखी हो। समझ लीजिए आज के ज़माने का पंचतंत्र या हितोपदेश। यह कहानी सिर के धड़ से जुदा होने और जुड़ने की …

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फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘तीन बिंदियाँ’

सोशल मीडिया पर थ्री डॉट्स की चर्चा की चर्चा गर्म है। याद आई फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘तीन बिंदियाँ’। रेणु जी के कहानी संग्रह ‘ठुमरी’ में यह कहानी शामिल है। संकलन का प्रकाशन राजकमल प्रकाशन से हुआ है- ======================= गीताली दास अपने को सुरजीवी कहती है। नाद-सुर-ताल आदि के सहारे …

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