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Prabhat Ranjan

अरुंधति रॉय की नजर में भारत का आइडिया!

जगरनॉट प्रकाशन की एक किताब पढने को मिली, अरुंधति रॉय और जॉन क्यूजैक के बीच बातचीत की: बातें जो कही जा सकती हैं और नहीं कही जा सकती हैं. अरुंधति रॉय 2014 की सर्दियों में एडवर्ड स्नोडेन से मिलीं। उनके साथ में थे अभिनेता और लेखक जॉन क्यूज़ेक और डेनियल …

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आशुतोष भारद्वाज के उपन्यास का अंश ‘प्रूफरीडर के नाम खत’

इन्डियन एक्सप्रेस के पत्रकार आशुतोष भारद्वाज को बस्तर पर अपनी रपटों के लिए याद किया जाता है. उनको चार बार प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिल चुका है.रायटर्स के अंतरराष्ट्रीय कुर्त शोर्क अवार्ड के लिए दुनिया भर से शॉर्टलिस्ट किये गए आठ पत्रकारों में उनका नाम भी शामिल है. लेकिन वे एक …

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‘अनारकली’ के किरदार से मुझे रानी बेगम की याद आती है!

‘अनारकली ऑफ़ आरा’ में अनारकली को देखते हुए मुझे बार-बार अपने मुजफ्फरपुर की रानी बेगम की याद आती है. रानी चतुर्भुज स्थान के आखिरी दौर की सबसे बड़ी डांसर थी, जिसका सट्टा बंधवाना एक जमाने में मुज़फ्फापुर और आसपास के जिले के जमींदारों के लिए बड़ी बात समझी जाती है. …

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सुषम बेदी के उपन्यास ‘पानी केरा बुदबुदा’ का अंश

हिंदी के डायस्पोरा लेखकों में सुषम बेदी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोलंबिया में पढ़ाने वाली सुषम जी करीब आधा दर्जन उपन्यास लिख चुकी हैं. अमेरिका में रहने वाले दक्षिण एशियाई लोगों के जीवन को उन्होंने अपनी रचनाओं में बहुत बारीकी से उकेरा है. …

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अथ ‘ब्रह्मोद्य’ प्रश्नोत्तरी उपाख्यान: मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला का उपसंहार                                         

जानी-मानी लेखिका मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला हम पढ़ रहे थे. संस्कृत कथाओं की याद दिलाती हुई इस कथा में हीरामन तोता भी था, हिमुली देवी भी. लेकिन समकालीन जीवन, समाज, राजनीति की कथाएं इससे निकलती जा रही थीं. लेकिन हर कथा की तरह इस कथा का भी अंत हो …

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क्या हिंदी अदालतों के कामकाज की भाषा बनने जा रही है?

अनन्त विजय विचारोत्तेजक लेख लिखते हैं, हिंदी की भावना, संवेदनाओं को जगा देते हैं. यह लेख बहुत अच्छी तरह से इस बात को सामने रखता है कि अदालतों का कामकाज देशी भाषाओं में हो इसके लिए क्या प्रयास हुए हैं और हाल में किस कारण से ऐसा लग रहा है …

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विश्व कविता दिवस पर श्रद्धा सिंह की इन्स्टा पोयम्स

आज विश्व कविता दिवस है. हिंदी कविता में आजकल तरह-तरह के प्रयोग हो रहे हैं. जिनमें एक इन्स्टा पोएट्री का फॉर्म भी है. मुम्बई में रहने वाली श्रद्धा सिंह इश्क 104.8 की प्रोग्रामिंग हेड हैं लेकिन आजकल कविताओं को लेकर यह प्रयोग कर रही हैं. देखिये- मॉडरेटर ====================

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दरियागंज की 21 नम्बर गली ब्रजेश्वर मदान और सुरेन्द्र मोहन पाठक!

दरियागंज की 21 नंबर गली के सामने से जब भी गुजरता हूँ मुझे 90 के दशक के आरंभिक वर्षों के वे दिन याद आ जाते हैं जब इस गली का आकर्षण मेरे लिए बहुत अधिउक होता था. वहां दीवान पब्लिकेशन्स का दफ्तर था, जहाँ से फ़िल्मी कलियाँ नामक पत्रिका का …

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निर्मल वर्मा की कहानी ‘कव्वे और काला पानी’

आज गूगल ने बताया कि स्टोरीटेलिंग डे है. मुझे निर्मल वर्मा की कहानी याद आई- ‘कव्वे और काला पानी‘. असल में इस कहानी के याद आने का सन्दर्भ है. दो दिनों से संन्यास को लेकर बड़ी चर्चा है. इस कहानी को लेकर भी संन्यास को लेकर बहस हुई थी. आलोचक …

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अंतरराष्ट्रीय गोरैया दिवस और ‘दाना-पानी’

आज अंतरराष्ट्रीय गोरैया दिवस है. शहरों में गोरैया गायब होती जा रही हैं. हमारा जीवन प्रकृति से दूर होता जा रहा है. अन्तरराष्ट्रीय गोरैया दिवस के माध्यम से इसी तरफ हमारा ध्यान दिलाने की कोशिश की जाती है. दिल्ली में ‘दाना-पानी’ नामक एक संस्था है जो चिड़ियों के साथ इंसान …

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