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Prabhat Ranjan

शायक आलोक की कविताएं

शायक आलोक और विवाद का बहुत अन्तरंग रिश्ता है. लेकिन सब कुछ के बावजूद उनकी रचनात्मकता प्रभावित करती है. मसलन इन कविताओं को ले लीजिये- प्रभात रंजन  ============================================  (एक दिन) एक दिन कीड़े खा जाएंगे तुम्हारी रखी जमा की गई किताबों को फिर कीड़े आहार बनाएंगे तुम्हारी लिखी जा रही कविताओं को फिर …

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मेरे एक दशक के अनुभव का हिमाचल

स्वतंत्र मिश्र एक गंभीर लेखक पत्रकार हैं और बड़े घुमंतू भी. उनके हिमालय यात्राओं के सफरनामे की पहली क़िस्त- मॉडरेटर  =========== रीना और शब्द की छुट्टियां घर बैठे-बैठे ही एक-एक करके जाया हो रहीं थीं। अब कुछ ही दिन और बचे थे स्कूल के खुलने में सो दोनों मुझसे इस …

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सिल्विया प्लाथ की कविताएं

रश्मि भारद्वाज एक समर्थ कवयित्री ही नहीं हैं बहुत अच्छी अनुवादिका भी हैं. अभी हाल में उन्होंने सिल्विया प्लाथ की कविताओं के अनुवाद किये थे जो ‘कृति ओर’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए थे. आज जानकी पुल पर- मॉडरेटर  =====================    एक पागल लड़की का प्रेम गीत : दर्द और …

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किसी परछाई की भी देह साबुत नहीं थी!

अभी दो तीन दिन पहले एक वरिष्ठ साहित्यकार ने जानी मानी लेखिका तसलीमा नसरीन की एक तस्वीर फेसबुक पर साझा की और स्त्री स्वतंत्रता को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई. ऐसे में युवा शोधार्थी सोनाली मिश्र का यह लेख पढने को मिला. सोनाली को सबसे पहले मैंने व्हाट्सऐप समूह ‘रचनाकार’ …

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उपन्यास ‘कुल्फी एंड कैपुचिनो’ का अंश

हिन्द युग्म प्रकाशन ने हिंदी का अपमार्केट पाठक वर्ग बनाने में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है. कई प्रतिभाशाली लेखकों की किताबें प्रकाशित की. आशीष चौधरी भी उनमें एक हैं. पेश है उनकी किताब कुल्फी एंड कैपुचिनो का एक अंश- मॉडरेटर  ================================== ‘डु यू लाइक पिंक कलर?’, कोमल ने पिंक कलर का टॉप …

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आशीष नंदी: ग़फलत-में-सुकून का उल्लास

  आशीष नंदी की पुस्तक ‘The Savage Freud’ की आशीष लाहिड़ीद्वारा की गई समीक्षा का बहुत सुन्दर अनुवाद जाने माने कवि, सामाजिक कार्यकर्ता लाल्टू जी ने किया है. बहुत प्रासंगिक, तर्कपूर्ण लेख है- मॉडरेटर  ===================================================================== आशीष लाहिड़ी की बांग्ला निबंधों की किताब ‘भद्रलोकि जुक्तिबादेर दक्षिणावर्त (भद्रलोक तर्कशीलता का दक्षिण को मुड़ना)‘ …

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इसमें सिनेमा और साहित्य दोनों का मजा है!

अपने लेखन में राजस्थान की मिटटी की खुशबू लिए लेखक रामकुमार सिंह की एक कहानी पर चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने बड़ी शानदार फिल्म बनाई ‘जेड प्लस‘. बाद में ‘जेड प्लस’ उपन्यास के रूप में छप कर आया. दोनों के अनुभवों से गुजरते हुए आशुतोष कुमार सिंह ने यह लेख लिखा है, …

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अमीर खुसरो पर नाटक लिखने की तैयारी में हूँ- उषाकिरण खान

वरिष्ठ लेखिका उषाकिरण खान हिंदी, मैथिली साहित्य की जानी पहचानी लेखिका हैं. उनके नए उपन्यास ‘अगनहिंडोला’ के बहाने पेश है सुशील कुमार भारद्वाजसे हुई उनकी कुछ बातें:- ————————————————————————————— आपका नया उपन्यास अगनहिंडोला आया है? अगनहिंडोला का क्या मतलब है? अगनहिंडोला ब्रजभाषा का एक शब्द है| जो दो शब्दों से बना है- …

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कितनी मौलिक है मौलिक बताई जा रही फिल्म ‘इनसाइड आउट’

‘इनसाइड आउट‘ नामक एनीमेशन फिल्म रिलीज हुई है. डिज्नी की इस फिल्म के बार में यह प्रचारित किया जा रहा है कि यह फिल्म पाँच मूल भावनाओं पर आधारित हैं – 1. हर्ष (Joy) 2. क्रोध (Anger ) 3. जुगुप्सा (Digust) 4. भय (Fear) 6. शोक (Sadness) और यह पूरी तरह …

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‘बारिश, धुआँ और दोस्त’ की कहानियां

इस साल मेरे समकालीनों, वरिष्ठों के कई कथा-संकलन आये लेकिन जो संग्रह मेरे दिल के सबसे करीब है वह प्रियदर्शन का ‘बारिश, धुआँ और दोस्त‘. प्रियदर्शन की कहानियों में समकालीन जीवन की जद्दोजहद जितनी विविधता के साथ आती है वह किसी और लेखक में कम ही दिखाई देती है. हैरानी …

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