Home / Prabhat Ranjan (page 227)

Prabhat Ranjan

महान चित्रकार जे. स्वामीनाथन की कविताएं

मशहूर चित्रकार जे. स्वामीनाथन ने हिंदी में सात कविताएं लिखी थी. महज इन सात कविताओं की बदौलत उनका हिंदी कविता में अपना मुकाम बनना चाहिए. नहीं बना तो यह हमारे साहित्यिक समाज की कृपणता है. यहाँ प्रस्तुत है उनकी सातों कविताएं. इनको प्रस्तुत करने का विशेष प्रयोजन यह है कि …

Read More »

लाल सिंह दिल की कविताएं

लाल सिंह दिल पंजाबी कविता का एक अलग और जरूरी मुकाम है. अपने जीवन में खेत मजदूरी से लेकर चाय का ठीया चलाने तक के अनेक काम करते हुए वे समाज के हाशिये के जीवन से करीबी से जुड़े रहे. उन्होंने अपने जीवन के कडवे अनुभवों को पूरी दुनिया के …

Read More »

मधु किश्वर के नरेन्द्र मोदी

संभवतः आम चुनावों से पहले यह नरेन्द्र मोदी पर आखिरी पुस्तक हो. मैं मधु पूर्णिमा किश्वर की पुस्तक ‘मोदी, मुस्लिम एंड मीडिया: वॉयसेज फ्रॉम नरेन्द्र मोदीज गुजरात’ की बात कर रहा हूँ. 2 अप्रैल को दोपहर राम जेठमलानी के आवास 2 अकबर रोड पर इसका लोकार्पण हुआ. इस हाई प्रोफाइल …

Read More »

पाट गंगा का तट गंगा का और ये घाट किसके हैं ?

वरिष्ठ कवि निलय उपाध्याय अभी हाल में ही गंगा की साइकिल यात्रा पूरी कर मुंबई लौटे हैं. इधर बनारस का माहौल गरमा गया है. गंगा के घाटों पर पानी में उफान आ रहा है. बनारस को लेकर उनकी कुछ ताजा कविताएँ इसी बदलते माहौल, इन्हों हलचलों को कैद करने की …

Read More »

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल अपनी स्थापना का 50 वां वर्ष मना रहा है

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का रंगमंडल अपनी पचासवीं वर्षगांठ मना रहा है कुछ लोग के अनुसार इस उपलक्ष्य में शोक सभा होनी चाहिये क्योंकि अब यह अपने अतीत में ही गर्क हो रहा है उसी का बोझ धो रहा है. लेकिन इस अवसर पर एक जलसा हो रहा है और इसी …

Read More »

गंगा जैसे डांसिंग फ़्लोर पर चलती है

हाल में ही वरिष्ठ कवि निलय उपाध्याय साइकिल से कई महीनों की गंगा-यात्रा करके अपने शहर मुंबई लौटे हैं. वे इस यात्रा से जुड़े अनुभवों को कलमबद्ध करने में लगे हुए हैं. एक छोटा सा रोचक अंश उन्होंने जानकी पुल के पाठकों से साझा किया है- मॉडरेटर. =========================================== सुबह का …

Read More »

‘खुशवंतनामा’ का एक अंश

 खुशवंत सिंह की आखिरी पुस्तकों में है ‘खुशवंतनामा: मेरे जीवन के सबक’ है. इस किताब में उन्होंने एक तरह से अपने जीवन का निचोड़ पेश किया है. आज आपके लिए इस किताब का एक अंश, जिसे लिखते समय वे 98 साल के थे. इस किताब का हिंदी अनुवाद मैंने ही …

Read More »

एक खुशअदब खुशहाल का जाना

  कल खुशवंत सिंह का निधन हो गया. वे भरपूर जिंदगी जीकर गए मगर फिर भी उनकी कमी खलेगी. उनकी उपस्थिति विराट थी. इतने रूपों में उन्होंने इतने काम किये कि उनकी सूची बनाने में कुछ न कुछ छूट जाने का डर रहता है. वैसे यह कहा जा सकता है …

Read More »

गंगूबाई हंगल को सुनना आत्मा के बतियाने को सुनना है

  अनिरुद्ध उमट समर्थ कवि, कथाकार के रूप में जाने जाते हैं. संगीत, कलाओं में गहरी रूचि रखते हैं. यह लेख उन्होंने गंगूबाई हंगल के संगीत का आनंद उठाते हुए लिखा है. आप भी पढ़िए, कुछ आनंद ही आएगा- मॉडरेटर.  ============== १- रात के घने अँधेरे में या दिन की …

Read More »

भारतीय स्त्री-जीवन को आईना दिखाती फिल्में ‘हाईवे’ और ‘क्वीन’

युवा लेखिका सुदीप्ति कम लिखती हैं लेकिन खूब लिखती हैं. हम पाठकों को उनका ‘लंचबॉक्स’ फिल्म पर लिखा लेख अभी तक याद है. आज उन्होंने हाल में आई दो फिल्मों ‘हाइवे’ और ‘क्वीन’ पर लिखा है. इतना ही कह सकता हूँ कि आज मैं ‘हाइवे’ फिल्म देखने जा रहा हूँ, …

Read More »