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लेख

वनडे गेम बनकर रह गया है ‘हिंदी दिवस’ 

आज हिंदी दिवस पर सदानंद पॉल का आलेख. सदानंद जी कटिहार के पास एक कस्बे में हिंदी पढ़ाते हैं और आरटीआई एक्टिविस्ट हैं. बहुत मौलिक बातें लिखते हैं- मॉडरेटर _________________________________________________________ 1949 के 14 सितम्बर को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया, इसलिए इस तिथि को ‘हिंदी …

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स्थानीय भाषाओं का अस्मिताबोध और हिंदी

कल हिंदी दिवस है. आह हिंदी वाह हिंदी के बीच एक लेख भाषा-बोली के अंतर्संबंध पर वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार उमेश चतुर्वेदी ने लिखा है. पढने लायक लेख है- मॉडरेटर ======================== भारत की क्षेत्रीय भाषाएं इन दिनों अस्मिता को प्रदर्शित करने का राजनीतिक हथियार बनती नजर आ रही हैं। भाषा वैज्ञानिक …

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आचार्य मृत्यु है। आचार्य वरुण है।

आज शिक्षक दिवस है. इस अवसर पर युवा लेखक विमलेन्दु का लेख- मॉडरेटर ======================================== आचार्य मृत्यु है ।                                        आचार्य वरुण है । आचार्य सोम अथवा चन्द्रमा है । आचार्य औषधि है …

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सुधीर चन्द्र की पुस्तक रख्माबाईः स्त्री अधिकार और कानून पर एक टिप्पणी

सुधीर चन्द्र की इतिहासपरक पुस्तक पर एक टिप्पणी युवा लेखक सुरेश कुमार की- मॉडरेटर ===========================================  प्रथम अध्याय में सुधीर चन्द्र ने  रख्माबाई के मुकदमे पर विचार  किया है। वे बहुत गहराई में जाकर इस मुकदमे जानकारी देते हैं । इस मुददमे पर आने से पहले  रख्माबाई के संबंध में जाना जाए। रख्माबाई जयन्तीबाई और …

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जब सौ जासूस मरते होंगे तब एक कवि पैदा होता है : चन्द्रकान्त देवताले 

चंद्रकांत देवताले की कविताओं पर विमलेन्दु का लिखा एक आत्मीय लेख- मॉडरेटर ======================================== साल 1993 का यह जून का महीना था जब चन्द्रकान्त देवताले से पहली बार मुलाकात हुई थी. भोपाल में कवि भगवत रावत ने, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से एक कविता कार्यशाला का आयोजन किया था. …

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   हँसना मना है: हास्य दर्शन और इतिहास

इधर के कुछ दिनों में जिस युवा के लेखन ने प्रभावित किया है वह प्रत्युष पुष्कर हैं. कुछ समय पहले इनकी संगीत कविताएँ लगाईं थीं. आज एक अछूते विषय पर उनका लेख हास्य के दर्शन और उसके इतिहास पर. बहुत दिलचस्प- मॉडरेटर ======== ‘क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है? जी, …

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कृष्ण का जीवन उत्सव का संदेश बन गया!

आज जन्माष्टमी भी है. युवा लेखक विमलेन्दु का एक अवश्य पठनीय टाइप लेख इस मौके पर पढ़िए- मॉडरेटर ================================================= ईश्वर के अस्तित्व पर विश्वास  न होने के बाद भी कृष्ण मेरे प्रिय पात्र रहे हैं. कई बार जब किसी प्रश्न का जवाब ढूढ़ना मेरी सामर्थ्य के बाहर हो जाता है …

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अमृत रंजन का लेख ‘अंत जिज्ञासा है’

स्कूली लेखक अमृत रंजन जैसे जैसे बड़ा होता जा रहा है उसके लेखन-सोच का दायरा बड़ा होता जा रहा है. उसके लेखन में गहरी दार्शनिकता आ गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि हिन्दुस्तान से आयरलैंड जा चुका है लेकिन हिंदी में लिखना नहीं छूटा है. इस बार पढ़ते …

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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-10 अंतिम

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है दसवाँ यानी अंतिम भाग – त्रिपुरारि ======================================================== अफवाहें देती रही ज़ख्मों पर हवा कहाँ जाता है शोहरत की कीमत जरूर  चुकानी पड़ती है. …

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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-9

आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात से जुड़ी बातें, जिसे लिख रही हैं विपिन चौधरी। आज पेश है नौवाँ भाग – त्रिपुरारि ======================================================== गहरी खाई थी अभिनेत्री मीना कुमारी और स्त्री मीना कुमारी के  बीच अभिनेत्री मीना कुमारी और स्त्री मीना …

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