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क्रांति-क्रांति-क्रांति, भ्रांति, भ्रांति, भ्रांति!

साहित्य में क्रांति-क्रांति करने वाले हिन्दी लेखक अक्सर सामाजिक क्रांतियों से दूर ही रहते आए हैं। आज ‘प्रभात खबर’ में प्रकाशित मेरा लेख- प्रभात रंजन  ================================ ‘वह (साहित्य) देशभक्ति और राजनीति के पीछे चलने वाली सच्चाई भी नहीं, बल्कि उनके आगे मशाल दिखाती हुई चलने वाली सच्चाई है’– प्रेमचंद द्वारा …

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भारंगम की हलचल शुरू हो गई है

भारंगम की शुरुआत होने वाली है। उसकी तैयारियों, उसमें दिखाये जाने वाले नाटकों के बहाने बहुत शानदार लेख लिखा है प्रसिद्ध युवा रंग समीक्षक अमितेश कुमार ने। आपके लिए- जानकी पुल।  ========================================================== टिकट खिड़की पर अग्रिम बुकिंग के साथ ही भारंगम की हलचल शुरू हो गई है. तैयारी का अंदाजा …

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एक छोटी कहानी ‘शॉर्ट फिल्म’

मैं मूलतः कथाकार हूँ। भूलतः कुछ और हूँ। इसी बात की याद दिलाने के लिए कभी-कभी आपको अपनी कहानियाँ पढ़वाता रहता हूँ। यह छोटी सी कहानी आई है आउटलुक के नए अंक में- प्रभात रंजन  ==== ==== 15 अक्टूबर को मेरी शॉर्ट फिल्म ‘उजाला’ का शो है सीरी फोर्ट में …

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शहर-ए-सिनेमा से अक़ीदत और तहजीब का एक किरदार चला गया!

फारूख शेख को याद करते हुए एक लेख लिखा है सैयद एस॰ तौहीद ने-जानकी पुल ======================================================  फारुक शेख नहीं रहे, जी हां वो चले गए! यूँ अचानक! अब भी दिल नहीं मान रहा कि एक अजीज दुनिया छोड गया है। शहर-ए-सिनेमा से अक़ीदत और तहजीब का एक किरदार चला गया …

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ख़ुशनुमा दिन है साल का पहला कोई अच्छी भली ख़बर आये

आज प्रेम रंजन अनिमेष की गज़लों के साथ आप सभी को जानकी पुल की तरफ से नए साल की शुभकामनाएं =========== =========== =========== ( 1 ) (ग़ालिब से थोड़ी गुस्‍ताखी की हिमाकत करते हुए) कोई  उम्मीद  लौट  कर  आये कोई  सूरत  कहीं  नज़र  आये प्यार बनकर जुनूँ  चढ़ा सर पर …

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दिलीप चित्रे की कविता तुषार धवल के अनुवाद में

मराठी कवि दिलीप चित्रे की अनेक कवितायें साभ्यतिक स्तर पर विमर्श करती प्रतीत होती हैं।उनकी आधुनिकता में परंपरा बोलती है। उनकी यह कविता उसका अच्छा उदाहरण है। उनकी जटिल बिंबों वाली कविताओं का अनुवाद आसान नहीं। लेकिन युवा कवि तुषार धवल ने बड़ी सहजता से उनकी कविताओं का अनुवाद किया …

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प्रज्ञा की कहानी ‘एहसास’

प्रज्ञा एक सजग लेखिका हैं। बहुत संवेदनशीलता के साथ अपने आसपास के माहौल पर नजर रखती हैं। वहीं से उनकी कहानियाँ फूटती हैं। जैसे यह कहानी- जानकी पुल। ========================================          ‘‘अबे हो कहां तुम? कितनी दफा फोन किया? मिस्ड कॉल  भी नहीं देखते हो क्या? या ज़्यादा …

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अश्लीलता व्यक्ति और युग सापेक्ष होती है

आजकल प्रेम भारद्वाज के गद्य को खूब सराहना मिल रही है। समकालीन महिला लेखन पर उनकी यह छोटी सी टिप्पणी भी इसकी तसदीक करती है कि यह सराहना बेजा नहीं- जानकी पुल। —————————————————————————————————————————- साठ-सत्तर के दशक में हिंदी फिल्मों की पटकथा-अक्सर ‘जैनरेशन गैप’ से होकर गुजरती थी। यह शब्द दो …

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शैलप्रिया स्मृति सम्मान: एक दिसम्बरी शाम

कम उम्र में दिवंगत हो गई कवयित्री शैलप्रिया जी की स्मृति में रांची में शैलप्रिया स्मृति सम्मान की शुरुआत की गई. पहला पुरस्कार दिया गया कवयित्री निर्मला पुतुल को. उसके आयोजन की जीवंत रपट लिख कर भेजी है कवयित्री कलावंती ने. आपके लिए- जानकी पुल. ======================================================= शैलप्रिया स्मृति न्यास की …

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चंद्रेश्वर की कवितायेँ

कल मैंने चंद्रेश्वर की कवितायेँ पढ़ी. उनका राजनीतिक मुहावरा चौंकाता है, लेकिन वह सनसनीखेज त्वरित टिप्पणी की तरह नहीं है. बल्कि हमें गहरे सोचने को विवश करता है. आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन  ========लुढ़कना और उठना  देश का रूपया लुढ़कता जा रहालुढ़क रहा शेयर बाजार का सूचकांक लुढ़कते जा रहे नेतासंत …

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