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हिंदी के प्रसार के लिए यह किस तरह की युक्ति है?

आज ‘दैनिक जागरण’ में जानी-मानी लेखिका मृणाल पांडे का यह लेख पढ़ा तो लगा जैसे मेरे मन की बात उन्होंने लिख दी हो. आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन ====================== हिंदी पट्टी के राजनेता जनता को यही डर दिखाकर अरसे से उनके वोट अपनी झोली में डालते आए हैं कि वे …

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जगरनॉट बुक्स ने लांच किया स्मार्टफोन के लिए हिंदी किताबों का ऐप

दुनिया जिनकी मुट्ठी में होती है किताबें उनकी जेब में होंगी- किताबों के नए ऐप के बारे में यही कहा जा सकता है. प्रिंट में साल भर के अन्दर ही अपनी किताबों से एक अलग पहचान बना चुके प्रकाशन जगरनॉट बुक्स का हिंदी ऐप आ गया है. इसका बहुत दिनों से …

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अफसानों में उभरा फसाद का दर्द

राजकमल प्रकाशन से जुबैर रिजवी के संपादन में एक किताब आई है ‘फसादात के अफ़साने’ यानी दंगों से जुड़ी कहानियां. नागेश्वर पांचाल ने इस किताबा पर लिखा है- मॉडरेटर =============================== फ़सादत के अफ़साने, जुबैर रज़वी द्वारा सम्पादित हिन्दुस्तान के फसादात के अफ़सानों का संग्रह है | फ़सादत के किस्सों पर …

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मंजिल से जरूरी सफ़र का सन्देश देने वाले लेखक का जाना

80 के दशक में दिल्ली विश्वविद्यालय कैम्पस में ‘जेन एंड द आर्ट ऑफ़ मोटरसाइकिल मेंटेनेंस’ को पढना जैसे मस्ट माना जाता था. जो नहीं भी पढ़ते थे वे भी उसको हाथ में लिए घूमते रहते थे. उसके लेखक रॉबर्ट एम पिर्सिग का निधन हो गया. उनके ऊपर और उनकी उस धमाकेदार …

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युवा शायर #9 विकास शर्मा ‘राज़’ की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है विकास शर्मा ‘राज़’ की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 चल रहे थे नज़र जमाये हम मुड़ के देखा तो लड़खड़ाये हम खोलता ही नहीं कोई हमको रह न जाएँ बँधे-बँधाये हम प्यास की दौड़ में रहे अव्वल छू के दरिया को लौट आये …

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न्यूडिस्ट और नैचुरिस्ट आन्दोलन तथा मीनल जैन की चर्चा

मीनल जैन की आजकल बेहद चर्चा है क्योंकि लंदन में नग्न बाइक राइड करके उन्होंने सुर्खियाँ बटोरी हैं. गूगल पर उनकी नग्न तस्वीरें भरी हुई हैं. लेकिन उनके इस प्रयास पर एक गंभीर लेख मिला नीतीश के. एस. का. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ============ मीनल जैन आज कल चर्चा में …

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निरुद्देश्य हिंसा किस इन्कलाब के लिए की जाती है?

नक्सलवादी आन्दोलन अपनी दिशा भटक चुका. कल सुकमा में पुलिस जवानों की हत्या के बाद समय आ गया है कि वे सोचें कि आखिर वे पाना क्या चाहते हैं. विमलेन्दु का लेख इसी मसले पर- दिव्या विजय ======================================================== चार साल पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं की नृशंस हत्या ने शायद पहली …

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जब चेतन भगत को पढने से परहेज नहीं तो पढ़ाने से क्यों?

‘हर तरफ ऐतराज होता है मैं अगर रौशनी में आता हूँ- लगता है दुष्यंत कुमार ने यह शेर चेतन भगत के लिए ही लिखा था. हालाँकि जितना ऐतराज होता है वे उतनी अधिक रौशनी में आते हैं. वे मुझे बहुत पसंद हैं- इसलिए नहीं कि वे बहुत अच्छा लिखते हैं. …

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सवाल सीता की मुक्ति का नहीं सीता से मुक्ति का है?

23 अप्रैल को दिल्ली के मुक्तांगन में ‘एक थी सीता’ विषय पर बहुत अच्छी चर्चा हुई. उसकी एक ईमानदार रपट लिखी है जेएनयू में कोरियन विभाग की शोध छात्रा रोहिणी कुमारी ने- मॉडरेटर ==================================== मुक्ताँगन : नाम में ही अपनापन है और जो लोग इसका आयोजन करते हैं वे इस …

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नई नस्ल जौन एलिया को पढ़ती है और उनकी तरह दीवाना हो जाना चाहती है

जौन एलिया उर्दू शायरी का एक बड़ा करिश्मा हैं. न तो उनके पीछे किसी विचारधारा, किसी सियासत की ताकत थी, न उनको किसी ग़ज़ल गाने वाले ने गाकर मकबूल बनाया. बल्कि मरने के बाद न जाने उनकी शायरी ने नई नस्ल ने क्या देखा कि उनके चाहने वालों की तादाद …

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