वरिष्ठ लेखिका मृणाल पांडे की एक लघु रूपक कथा पढ़िए- मॉडरेटर ======================================= गली की एक दीवार पर भूरे बालों और कंजी आखों वाली मन्नो बिल्ली आज फिर बैठी बैठी पंजे में थूक लगा लगा कर चेहरा साफ किये जा रही थी. मन्नो का जिगरी दोस्त झग्गड बिल्ला कुछ देर उसे …
Read More »प्रदीपिका सारस्वत की कहानी ’14 फ़रवरी’
युवा लेखिका प्रदीपिका सारस्वत को किसी परिचय की दरकार नहीं है. कहानियां जरूर उन्होंने हाल में लिखना शुरू किया है. आज उनकी नई कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ========================================== मैं आज एक नए मकान में पहुँचा हूँ. नया मकान, हुँह! मकान बहुत पुराना है. कुछ नहीं तो 100 से ऊपर का तो …
Read More »राकेश तिवारी की कहानी ‘मुचि गई लड़कियां’
राकेश तिवारी को मैं एक अच्छे पत्रकार, लेखक के रूप में जानता, पढता रहा हूँ लेकिन उनकी यह कहानी कुछ अलग ही है. कुमाऊँ का परिवेश, किस्सागोई और मुचि गई लड़कियां. पढियेगा, आपको भी अच्छी लगेगी. यह कहानी ‘आजकल’ में प्रकाशित हुई थी- मॉडरेटर ================================================= धनंजय कहता है यह तारा …
Read More »प्रदीपिका सारस्वत की कहानी ‘तन तंबूरा तार मन’
प्रदीपिका सारस्वत सुपरिचित लेखिका हैं. वेबसाइट्स पर बहुत अलग तरह की स्टोरीज करती हैं. कविताएँ लिखती हैं, यह उनकी एक छोटी सी कहानी है समुद्र के पानी की तरह अपने साथ बहाकर ले जाने वाली- मॉडरेटर ===================== कभी देखा है किनारे की रेत को? उस पर से जब पानी लौट …
Read More »गाब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की कहानी ‘संत’
कुम्भ के मौसम में मार्केज़ की इस कहानी की याद आई. वैज्ञानिकता के असर में हम सभ्यता को इकहरा बनाते-समझते हैं जबकि इसकी कई परतें हैं, कई रूप भी. कहानी का अनुवाद विजय शर्मा ने किया है- मॉडरेटर ================== बाइस वर्ष बाद ट्रास्टवेयरे की पतली रहस्यमयी गलियों में से एक …
Read More »चीनी लेखक लाओ मा की कहानी ‘मरीज को देखने जाना’
हाल में मैंने जिन किताबों के अनुवाद किये हैं उनमें चीनी लेखक लाओ मा की कहानियों का संग्रह ‘भीड़ में तन्हा’ बहुत अलग है. चीन की राजनीति, समाज पर लगातार एक व्यंग्यात्मक शैली में उन्होंने कहानियां लिखी हैं. बानगी के तौर पर एक कहानी देखिये. यह किताब ‘रॉयल कॉलिन्स पब्लिकेशन’ …
Read More »प्रियंका ओम की कहानी ‘वह फूहड़ स्त्री’
आज प्रियंका ओम की कहानी ‘वह फूहड़ स्त्री’ पढ़िए. नए साल की शुरुआत समकालीन रचनाशीलता से करते हैं- मॉडरेटर ===================== उस स्त्री के पहनावे का रंग संयोजन था मुझे विस्मय से भर देता ! पीले रंग की ब्लाउज़ पर एड़ी से चार अंगुल ऊँची ब्लू छींट की साड़ी, और साड़ी …
Read More »तसनीम खान की कहानी ‘मेरे हिस्से की चांदनी’
समकालीन युवा लेखन में तसनीम खान का नाम जाना-पहचाना है. उनकी नई कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ============ आंगन में फैली रातरानी के महकने का वक्त हो चला। वो इस कदर महक रही थी कि पूरा घर इस खूशबू से तर हो गया। हवा के झोंकों के साथ इसकी खुशबू कमरों की …
Read More »मनोज कुमार पांडेय की कहानी ‘पापियों के उद्धार की अनोखी योजना’
मनोज कुमार पांडेय मेरी पीढ़ी के उन कथाकारों में हैं जो न सिर्फ निरंतर लिख रहे हैं बल्कि नए-नए कथा-प्रयोग भी कर रहे हैं. यह उनकी नई कहानी है जो लक्षणा और व्यंजना में पढ़े जाने की मांग करती है- प्रभात रंजन ================ स्वर्णदेश का राजा उन लोगों के लिए …
Read More »शशिभूषण द्विवेदी की कहानी ‘अभिशप्त’
शशिभूषण द्विवेदी नई-पुरानी कहानी के सीमांत के कथाकार हैं. नए तरह की जीवन स्थितियों-परिस्थितियों की आहट सबसे पहले जिन कथाकारों में सुनाई पड़ने लगी उनमें शशिभूषण सबस अलग हैं. उनकी कहानी ‘अभिशप्त’ मुझे बहुत पसंद है जो एक लम्बे अंतराल के बाद प्रकाशित उनके नए कहानी संग्रह ‘कहीं कुछ नहीं’ …
Read More »