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समीक्षा

जासूसीपन, थ्रिलरपन और रहस्यपन का रोचक कथानक ‘नैना’

संजीव पालीवाल के उपन्यास ‘नैना’ पर टिप्प्पणी जानी-मानी लेखिका नीलिमा चौहान ने लिखी है। एक रोचक और बेहद पठनीय उपन्यास की बहुत रोचक, पठनीय और विचारोत्तेजक समीक्षा। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================================= हाल के वर्षों में उपन्यास विधा के साथ दो सुंदर हादसे हुए हैं। एक तो यह कि …

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दिल्ली में नींद: नामालूम त्रासदियों के वृतांत

आज युवा लेखक उमाशंकर चौधरी का जन्मदिन है। यह संयोग है कि आज उनके कहानी संग्रह ‘दिल्ली में नींद’ की समीक्षा मिली। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हिंदी के प्रोफ़ेसर नीरज खरे ने यह समीक्षा लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ===================================               …

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‘ठाकरे राजनीति’ की गहरी पड़ताल करती किताब

धवल कुलकर्णी की किताब ‘ठाकरे भाऊ : उद्धव, राज और उनकी सेनाओं की छाया’ की समीक्षा पढ़िए। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की समीक्षा लिखी है युवा लेखक वसीम अकरम ने- ==================== एक परिवार के दो भाई जब अपनी-अपनी विचारधारा में विपरीत रास्ते पर चल रहे हों, और वह रास्ता अगर …

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देस: देशज संदर्भों का आख्यान

विनोद पदरज के कविता संग्रह ‘देस’ की समीक्षा युवा कवि देवेश पथ सारिया ने लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं- ============================================== विनोद पदरज देशज कवि हैं। वे राजस्थान की खांटी संस्कृति का हिंदी कविता में सशक्त प्रतिनिधित्व करते हैं। बीते वर्षों में सोशल मीडिआ के उदय ने इस स्वभाव …

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बने बनाए शिल्प को तोड़ता कथानक

अनुकृति उपाध्याय ने अपने पहले कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ से सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था। उसके पास अपनी कहानियाँ हैं और कहने की अपनी भाषा भी। उसके पहले लघु उपन्यास ‘नीना आँटी’ में यह विशिष्टता और उभर कर आई है। राजपाल एण्ड संज से प्रकाशित इस उपन्यास …

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आयो गोरखाली और गोरखाओं का इतिहास

गोरखाओं के इतिहास पर एक किताब आई है ‘आयो गोरखाली – अ हिस्ट्री ऑफ द गुरखा’स’, जिसके लेखक हैं टिम आई. गुरुंग. वेस्टलैंड से आई इस पुस्तक पर आज कलिंगा लिटेररी फ़ेस्टिवल के भाव संवाद में लेखक से बातचीत करेंगे नेपाल मामलों के विशेषज्ञ अतुल कुमार ठाकुर। फ़िलहाल आप किताब …

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पटना ब्लूज’ में बिहार की वर्तमान राजनीति की पृष्ठभूमि है

अब्दुल्ला खान का उपन्यास ‘पटना ब्लूज’ मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित हुआ लेकिन इस उपन्यास को दो साल के अंदर सभी भारतीय भाषाओं ने अपनाया है। यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक भाषाओं में अनूदित होने वाला उपन्यास बन गया है। इस उपन्यास पर एक टिप्पणी लिखी है …

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    इतिहास और कल्पना कोरस ‘राजनटनी’

गीताश्री के उपन्यास राजनटनी की विस्तृत समीक्षा लिखी है प्रखर युवा शोधार्थी सुरेश कुमार ने। यह उपन्यास हाल में ही राजपाल एंड संज प्रकाशन से आया है- =========== स्त्रीविमर्श की सिद्धांतकार गीताश्री ने शोध और अनुसंधान से चमत्कारित कर देने वाला ‘राजनटनी’ नामक इतिहासपरक उपन्यास लिखा है। यह उपन्यास अभी …

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खूबसूरत कहानियों का गुलदस्ता है रवि कथा!

ममता कालिया की किताब ‘रवि कथा’ पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है चिकित्सक लेखिका निधि अग्रवाल ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ================ ‘पापा का आज जन्मदिन है और दिल करता है उन्हें एक सुंदर प्रेमिका उपहार दूँ’ मात्र 18 बरस की उम्र में यह पंक्तियाँ लिखने वाला यह लड़का …

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रानी रूपमती ने बाँची अपनी कथा: ‘रानी रूपमती की आत्मकथा’

वरिष्ठ लेखक प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ का उपन्यास आया है ‘रानी रूपमती की आत्मकथा’। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास पर यह टिप्पणी लिखी है युवा कवयित्री रश्मि भारद्वाज ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =================== मांडू का उल्लेख आते ही आँखों के आगे प्रेम, समर्पण और विद्रोह की एक कथा …

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