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केशव भारद्वाज की कहानी ‘अपने लोग’

केशव भारद्वाज पुलिस सेवा में रहे हैं। आजकल प्रतिनियुक्ति पर कंपाला, युगाण्डा के भारतीय उच्चायोग में  सहायक कार्मिक एवं कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व वह प्रिटोरिया में तैनात रहे हैं। लेखक हैं। मैथिली में लिखते रहे हैं। आज उनकी हिंदी कहानी पढ़िए- ============================== मोबाइल फ़ोन में …

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‘कोसी का घटवार’ के बहाने प्रेम पर चिंतन

प्रसिद्ध लेखक सूरज प्रकाश जी ने कुछ चर्चित कहानियों के पात्रों को लेकर एक सीरिज़ लिखी है। सबसे पहले पढ़िए शेखर जोशी की कहानी ‘कोसी का घटवार’ के अमर पात्र सैनिक नायक गुसाईं सिंह के बारे में- ========================================= वरिष्ठ कहानीकार शेखर जोशी की एक कहानी है ‘कोसी का घटवार’। इस …

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अनुराग अनंत की ग्यारह कविताएँ

आज युवा कवि अनंत अनुराग की कविताएँ पढ़िए। ताज़गी का अहसास होगा- =======================   !! लगभग सिर्फ़ एक शब्द नहीं है !!   (1)   एक बरसात से दूसरी बरसात तक जाते हुए बीच में मिलती है सर्दी और गर्मी बहुत से लोग, उनकी प्यास उदास कुत्ते और उनकी भूख …

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‘अपेक्षाओं के बियाबान’ में कुछ कविताएँ

निधि अग्रवाल की कई कहानियाँ मुझे भी पसंद हैं। उनके कहानी संग्रह ‘अपेक्षाओं के बियाबान’ की कहानियों को पढ़ते हुए यह काव्यात्मक टिप्पणी की है यतीश कुमार ने, जो अपनी काव्यात्मक समीक्षा के लिए जाने जाते रहे हैं। आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन =================== स्मृतियों के प्रेत से मुक्ति पाने …

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अमरकंटक की नर्मदा कथा

प्रियंका नारायण मिथकों, पारम्परिक कथाओं पर बहुत खूब लिखती हैं। इससे पहले बनारस पर लिखे उनके गद्यांश हम पढ़ चुके हैं। यह गद्यांश अमरकंटक, नर्मदा नदी को लेकर है। अछूता विषय, निराला गद्य- ============== कहते हैं गंगा भी जब अपने पाप से मैली हो जाती है, तब वह दौड़ी हुई नर्मदा …

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भावना शेखर की कहानी ‘संधिपत्र’

आज पढ़िए भावना शेखर की कहानी ‘संधिपत्र’। रिश्तों के तानों-बानों में बनती-सिमटती यह कहानी बहुत कुछ न कहके भी बहुत कुछ कह जाती है- =========================== खिड़की से आती हवा के झोंके दीवार पर टंगे कैलेंडर के पन्नों को फडफड़ा देते मानो उसे याद दिला रहे हों कि चार दिन हो …

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आशुतोष भारद्वाज का लेख ‘मंगलेश का प्रदाय’

आज मंगलेश डबराल जी की जयंती है। उनके जाने के बाद पहली जयंती। उनके रचनात्मक अवदान पर यह लेख प्रसिद्ध लेखक-पत्रकार-आलोचक आशुतोष भारद्वाज ने लिखा है। ============= एक किसी आलोचक और रचनाकार की आलोचना में एक फ़र्क यह है कि कोई कवि या कथाकार जिन मानकों को प्रस्तावित करता है, …

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  सारंग उपाध्याय की कहानी ‘अकेली मुंबई, अजनबी कोलकाता’ 

सारंग उपाध्याय पेशे से पत्रकार हैं और बहुत संवेदनशील लेखक। हाशिए के लोगों के जीवन के सुख-दुःख को लेकर यह एक मार्मिक कहानी है। आप भी पढ़कर बताइएगा- ============================ बारिश काले बादलों में अब भी अटकी थी. उमस लोगों के चेहरे से टपक रही थी. सुबह के 7 बजे थे. …

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राधाकृष्ण की कहानी ‘वरदान का फेर’

कल सत्यानंद निरुपम जी ने राधाकृष्ण की कहानी ‘वरदान का फेर’ की याद दिलाई। राधाकृष्ण को लोग भूल गए हैं लेकिन कभी प्रेमचंद ने उनकी प्रशंसा की थी और युवा शोधकर्ता संजय कृष्ण ने लिखा है कि प्रेमचंद के निधन के बाद ‘हंस’ का काम देखने के लिए शिवरानी देवी …

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सदी का सबसे क्रूर क़ातिल- रवित यादव की कविताएँ

दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फ़ैकल्टी के छात्र रवित यादव की कविताएँ पढ़िए। आज के समय में बहुत प्रासंगिक हैं- ======================================   1- सदी का सबसे क्रूर क़ातिल ———————- झकझोरती हैं जब कानों पर पड़ती चीखें   जब थमती सांसो के साथ जीने की आस थरथराती है   जब टटोलते हो …

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