काला पहाड़, बाबल तेरा देस में, रेत, नरक मसीहा, हलाला, सुर बंजारन, वंचना, शकुंतिका और अब ख़ानज़ादा। पिछले कुछ वर्षों से अपने उपन्यास लेखन की निरंतरता और विषयों की विविधता के लिए चर्चित कथाकार भगवानदास मोरवाल ने हिंदी में अपनी एक अलग छवि और पहचान बनाई है। इनके बारे में …
Read More »अनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘कलाकार और क्वारंटीन’
अनुकृति उपाध्याय समकालीन हिंदी कहानी में अपने अलग मिज़ाज, कहन की विशिष्ट शैली के कारण जानी जाती हैं। उनके पहले कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ को पाठकों-आलोचकों का ध्यान खींचा था। अंग्रेज़ी में तीन उपन्यास लिख चुकी इस लेखिका का पहला हिंदी उपन्यास जल्दी ही आने वाला है। आप यह कहानी …
Read More »के. के. नायकर की कहानी:मेरी जिंदगी है क्या, एक कटी पतंग है
मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष प्रस्तुति। दिनेश चौधरी का लेख- ======================== सच्चा पतंगबाज वही होता है जो उसके इश्क़ में डूबकर साथ-साथ उड़ता है। पतंग और पतंगबाज एकाकार हो जाते हैं। रंग-बिरंगी पतंगों के साथ मैं भी कई-कई बार उड़ा हूँ और यह बिल्कुल ताजी उड़ान है। आसमान अमूमन …
Read More »जया जादवानी के उपन्यास ‘देह कुठरिया’ का एक अंश
वरिष्ठ लेखिका जया जादवानी का उपन्यास ‘देह कुठरिया’ प्रकाशित होने वाला है। सेतु प्रकाशन से प्रकाशित होने वाले इस उपन्यास का एक अंश पढ़िए- =================================== ‘ओशो कम्यून’ से वापस आ गया है वह। फ़िर वही रुटीन। कुछ हफ़्ते ही गुज़रे होंगे कि एक दिन सुबह-सवेरे वह भैंस का दूध दुह …
Read More »बहुरूपिया गुरु और चतुर चेले की कथा: मृणाल पाण्डे
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे बच्चों को न सुनाने लायक कथाएँ लिख रही हैं। आज 25 वीं कथा में लोक का वह आलोक है जो भौगोलिक सीमाओं को नहीं मानता। एक सी लोक कथाएँ देश की अलग अलग संस्कृतियों में हैं, उनकी सीख एक है। मृणाल पाण्डे की एक कथा सीरिज़ …
Read More »हिंदी प्रकाशन जगत में एक नई पहल!
एक स्वागतयोग्य खबर- ============== हिंदी के दो अत्यंत प्रतिष्ठित प्रकाशनों–लोकभारती प्रकाशन (इलाहाबाद) और राधाकृष्ण प्रकाशन (नई दिल्ली)–ने बदले समय के अनुरूप अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में इन दोनों विशिष्ट प्रकाशनों ने पेशेवराना रूख अपनाते हुए महत्त्वपूर्ण नियुक्तियाँ की हैं जो कि हिंदी में एक नई शुरुआत …
Read More »नम ज़मीन पर धँसते हुए यादों का दरिया पार करना
अनिरुद्ध उमट की पुस्तक वैदानुराग पर चंद्रकुमार का यह लेख पढ़ें। चंद्र कुमार ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयार्क से पढ़ाई की। वे आजकल एक निजी साफ्टवेयर कंपनी में निदेशक है लेकिन उनका पहला प्यार सम-सामयिक विषयों पर पठन-लेखन है। स्थानीय समाचार पत्रों में युवाओं के मार्गदर्शन के लिए लंबे समय तक …
Read More »पुरखा पत्रकार का बाइस्कोप की भूमिका
‘पुरखा पत्रकार का बाइस्कोप’ नगेंद्रनाथ गुप्ता की आत्मकथा-संस्मरण पुस्तक है। नगेंद्रनाथ गुप्त पत्रकार थे और 19 वीं सदी के उत्तरार्ध में देश के अनेक महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के वे साक्षी रहे। वे स्वामी विवेकानन्द का क्लासमेट, रवि बाबू के मित्र, केशब चन्द्र सेन के रिश्तेदार थे और उस दौरके अनेक महत्वपूर्ण लोगों …
Read More »राजीव कुमार की कविताएँ
राजीव कुमार की लिखी कई समीक्षाएँ हम लोगों ने पिछले दिनों में पढ़ी हैं। वे कविता लिखते हैं और उपन्यास भी लिख रहे हैं। फ़िलहाल उनकी कविताएँ पढ़िए- ==================== मैं नींद में कभी नहीं था सुकून का हिस्सा नहीं होती हैं रातें स्मृतियां विप्लव करती हैं कोई …
Read More »बाघ, बंदर और दढ़ियल खाडू(मेढे) की कथा: मृणाल पाण्डे
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथायें लिख रही हैं, हर कथा में एक सीख होती है, कोई सूझ, जो राज-समाज के बारे में हमें कुछ बता जाती है सिखा जाती है। यह 24 वीं कथा है। आप भी पढ़िए- ================================== (गढवाल की यह लोककथा मूल …
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