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किताबों और फिल्मों में कुछ शास्त्रीय और शाश्वत होते हैं, कुछ वक़्ती!

हिंदी में लोकप्रिय और गम्भीर साहित्य की बहस बहुत पुरानी रही है। इसी को अपने इस लेख में रेखांकित किया है युवा लेखिका सुदीप्ति ने। उन्होंने अनेक उदाहरणों के साथ अपनी बात रखी है, जो सोच-विचार और बहस की माँग करती है। इस विषय पर आपके विचार भी आमंत्रित हैं। फ़िलहाल …

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प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ की ग़ज़लें

प्रियदर्शी ठाकुर ख़याल इन दिनों अपने उपन्यासों के कारण चर्चा में हैं लेकिन वे मूलतः ग़ज़लगो रहे हैं। आइए उनकी कुछ चुनिंदा ग़ज़लें उनके आत्मकथ्य के साथ पढ़ते हैं- ======================     पेशलफ्ज़ सन् १९७५ से शेर कहता आ रहा हूँ , और इस बरस पचहत्तर का हो जाऊँगा l …

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‘ठाकरे भाऊ’ पुस्तक का एक अंश

आज भारतीय राजनीति के सबसे रहस्यमय नेताओं में एक बाल ठाकरे की 95 वीं जन्मतिथि है। वे कभी किसी पद पर नहीं रहे लेकिन मुंबई के सबसे शक्तिशाली नेता बने रहे। हिंदुत्ववादी राजनीति की एक मज़बूत धुरी रहे। उनके परिवार और विशेषकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की राजनीतिक यात्रा …

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‘अमेरिका 2020- एक बंटा हुआ देश’ पुस्तक का अंश

लेखक  अविनाश कल्ला की पुस्तक ‘अमेरिका 2020- एक बंटा हुआ देश’ दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र होने की दावेदारी करने वाले देश—अमेरिका—के राष्ट्रपति चुनाव का आँखों–देखा हाल बयां करने वाली किताब है।एक पत्रकार की चुनाव यात्रा के बहाने यह किताब अमेरिकी समाज की अनेक ऐसी अनजानी–अनदेखी सच्चाइयों को सामने लाती है, जो उसकी धारणाबद्ध, चमकीली और …

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सरकारी नौकरी उर्फ़ एटर्नल रेस्ट: सुरेन्द्र मोहन पाठक

  प्रसिद्ध लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का व्यंग्य पढ़िए। आज जानकी पुल पर विशेष- ========================================== पहले जब मैं बेकार था तो कहा करता था कि कैसी भी नौकरी मिल जाये मुझे मंजूर होगी. ऊपर वाले के करम से आखिर नौकरी मिल गयी तो मैं उस से बेहतर नौकरी की ख्वाहिश …

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सुंदरता का दारुण दुख: इज लव एनफ सर?

आजकल फ़िल्म देखने के इतने माध्यम हो गए हैं कि कई बार अच्छी फ़िल्मों का पता ही नहीं चलता। ‘इज लव एनफ सर’ भी एक ऐसी ही फ़िल्म है। नेटफ़्लिक्स पर मौजूद इस फ़िल्म के बारे में मुझे पता भी नहीं चला होता अगर सुदीप्ति की लिखी यह टीप नहीं …

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मैं और मेरी हमबिस्तर प्रेमिकाएँ:स्वयं प्रकाश

प्रसिद्ध लेखक स्वयंप्रकाश जी की किताब आई है है ‘लिखा पढ़ा’, उनके मरणोपरांत प्रकाशित इस पुस्तक का महत्व असंदिग्ध है। उसी का एक अंश पढ़िए- ========================= स्वयं प्रकाश जी अपने लिखे से मोहाविष्ट नहीं रहते थे। लेखन उनके लिए आंदोलन था और मिशन भी। इसके लिए कहानी, नाटक और उपन्यास …

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मुद्दन्ना किसान और विचित्र कुएं की कथा: मृणाल पाण्डे

प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाएँ लिख रही हैं। आज उसकी 26 वीं किस्त हाज़िर है। मुझे नहीं याद आता है कि किसी लेखक ने हिंदी में लोककथाओं की ऐसी सीरिज़ लिखी होगी। हर कथा इंसानी जीवन की चिर व्यथा की तरह है। आज तमिल …

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भगवानदास मोरवाल के उपन्यास ‘ख़ानज़ादा’ का एक अंश

काला पहाड़, बाबल तेरा देस में, रेत, नरक मसीहा, हलाला, सुर बंजारन, वंचना, शकुंतिका और अब ख़ानज़ादा। पिछले कुछ वर्षों से अपने उपन्यास लेखन की निरंतरता और विषयों की विविधता के लिए चर्चित कथाकार भगवानदास मोरवाल ने हिंदी में अपनी एक अलग छवि और पहचान बनाई है। इनके बारे में …

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अनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘कलाकार और क्वारंटीन’

अनुकृति उपाध्याय समकालीन हिंदी कहानी में अपने अलग मिज़ाज, कहन की विशिष्ट शैली के कारण जानी जाती हैं। उनके पहले कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ को पाठकों-आलोचकों का ध्यान खींचा था। अंग्रेज़ी में तीन उपन्यास लिख चुकी इस लेखिका का पहला हिंदी उपन्यास जल्दी ही आने वाला है। आप यह कहानी …

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