Home / Featured (page 67)

Featured

Featured posts

बेगम समरु और दिल्ली का इतिहास

हाल में राजगोपाल सिंह वर्मा की किताब आई ‘बेगम समरु का सच’। संवाद प्रकाशन से आई यह किताब तथ्यात्मक इतिहास नहीं है बल्कि औपन्यासिक शैली में लिखा गया उस युग का जीवंत कथानक है। इस पुस्तक की भूमिका प्रसिद्ध पत्रकार शम्भूनाथ शुक्ल ने लिखी है। आप भी पढ़ सकते हैं- …

Read More »

‘मुझे चाँद चाहिए’ पढ़ते हुए कुछ कविताएँ

मुझे याद है बीसवीं शताब्दी के आख़िरी वर्षों में सुरेन्द्र वर्मा का उपन्यास ‘मुझे चाँद चाहिए’ प्रकाशित हुआ था। नाटकों-फ़िल्मों की दुनिया के संघर्ष, संबंधों, सफलता-असफलता की कहानियों में गुँथे इस उपन्यास को लेकर तब बहुत बहस हुई थी। याद आता है सुधीश पचौरी ने इसकी समीक्षा लिखते हुए उसका …

Read More »

लॉकडाउन की इंग्लैंड डायरी

प्रज्ञा मिश्रा इंग्लैंड में रहती हैं और वहाँ के लॉकडाउन अनुभवों को उन्होंने दर्ज करके भेजा है। आप भी पढ़ सकते हैं- जानकी पुल। ========================= पूरे तीन महीने बाद शहर के बाजार जाने का मौका मिला, यू के में इन्हें  टाउन या सिटी सेंटर कहते हैं।   दुकानें तो सभी बंद हैं, …

Read More »

फ़िल्म गाइड की कहानी आर के नारायण की ज़ुबानी

अभी दो दिन पहले मैंने वहीदा रहमान से बातचीत पर आधारित नसरीन मुन्नी कबीर की किताब के हवाले से गाइड फ़िल्म की चर्चा फ़ेसबुक पर की थी। उसमें यह लिखा था कि अंग्रेज़ी में बनी ‘गाइड’ की पटकथा मशहूर लेखिका पर्ल एस बक ने लिखी थी। इस बात से ‘द …

Read More »

अनघ शर्मा की कहानी अब यहाँ से लौट कर किधर जायेंगे!

अनघ शर्मा युवा लेखकों में अपनी अलग आवाज़ रखते हैं। भाषा, कहन, किस्सागोई सबकी अपनी शैली है उनकी। यह उनकी नई कहानी है। पढ़कर बताइएगा- मॉडरेटर ============ 1 पिछली सर्दियों की बर्फ़ अब पिघलने लगी थी। पहाड़ का जो टुकड़ा काट कर पार्क बनाया गया था, उसके पिछवाड़े में जमी …

Read More »

दुष्यंत बहुत ही फक्कड़, उन्मुक्त लेकिन बहुत सुसंस्कृत व्यक्ति था – कमलेश्वर

दुष्यंत कुमार वरिष्ठ कथाकार कमलेश्वर के अभिन्न मित्र थे।दुष्यंत के नहीं रहने के बाद कमलेश्वर ने अपनी बिटिया ममता का रिश्ता दुष्यंत के बेटे आलोक त्यागी से किया। इस संस्मरण में दुष्यंत को उनके अभिन्न मित्र कमलेश्वर से बातचीत करके याद करते हैं। कमलेश्वर से संगीता की बातचीत पर आधारित यह संस्मरण पहली बार …

Read More »

सजी थी बज़्म, मगर टूट गया साज़ का तार

पं जश करण गोस्वामी एक मूर्घन्य सितार वादक थे. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार एवं एम0 पी0 बिरला फाउंडेशन कला सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित पं गोस्वामी ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता श्री गोविन्द लाल गोस्वामी से ली. तत्पश्चात सितार वादन का गहन प्रशिक्षण आपने प्रसिद्ध सरोद  …

Read More »

ईद पर सुहैब अहमद फ़ारूक़ी की ग़ज़लें

आज ईद है। मुझे कल चाँद दिखते ही ईदी मिल गई थी। भाई सुहैब अहमद फ़ारूक़ी ने अपनी ग़ज़लें ईद के तोहफ़े में भेजी। आप लोगों को भी ईद मुबारक के साथ साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर ==============   1   रफ़्ता रफ़्ता ख्वाहिशों को मुख़्तसर करते रहे रफ़्ता रफ़्ता …

Read More »

इस अकेले समय में पढ़ने का आनन्द: अशोक महेश्वरी

पिछले दिनों प्रकाशन जगत की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘ऑल अबाउट बुक पब्लिशिंग’ मैंने अंग्रेज़ी के एक प्रमुख प्रकाशन के प्रतिनिधि का इंटरव्यू पढ़ा था, जिसमें उनका कहना था कि लॉकडाउन के दौरान उनके प्रकाशन की किताबों की बिक्री में केवल 3 प्रतिशत की कमी आई है क्योंकि अंग्रेज़ी में ईबुक की …

Read More »

किताबों के विज्ञापन और हमारे मूर्धन्य लेखक

युवा शोधकर्ता सुरेश कुमार के कई लेख हम पढ़ चुके हैं। इस बार उन्होंने इस लेख में अनेक उदाहरणों के साथ यह बताया है कि आधुनिक हिंदी साहित्य के आधार स्तम्भ माने जाने वाले लेखक भी अपनी किताबों के प्रचार-प्रसार के ऊपर कितना ध्यान देते थे, चाहे भारतेंदु हरिश्चंद्र रहे …

Read More »