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वीभत्स रस और विश्व सिनेमा

युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर इन दिनों बहुत रोचक ढंग से नौ रस के आधार पर विश्व सिनेमा का अध्ययन कर रहे हैं. आज वीभत्स रस के आधार पर विश्व सिनेमा की कुछ महत्वपूर्ण फिल्मों का विश्लेषण प्रस्तुत है- मॉडरेटर  =================== इस लेखमाला में अब तक आपने पढ़ा: 1.                  भारतीय दृष्टिकोण …

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‘कई चाँद थे सरे आसमां’ के बहाने कुछ मौजू बातें

हाल के बरसों में जिस एक उपन्यास ने बड़ी सरगर्मी पैदा की वह शम्सुर्ररहमान फारुकी का उपन्यास ‘कई चाँद थे सरे आसमां‘ है. मूल रूप से उर्दू में लिखे गए इस उपन्यास के हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों की भी धूम मची. इस उपन्यास पर युवा लेखक शशिभूषण द्विवेदी ने एक बढ़िया …

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गुलजार की पहुँच हर पीढ़ी, हर दिल तक है!

गुलजार शायद ऐसे अकेले लेखक-कलाकार हैं जिनसे हर उम्र, हर सोच के लोग गहरे मुतास्सिर हैं. जीते जी वे एक ऐसे मिथक में बदल गए हैं सब जिनके मानी अपन अपने ढंग से समझना चाहते हैं. यकीन न हो तो इस युवा लेखक अंजुम शर्मा का लेख पढ़ लीजिये और …

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लखनऊ और अमृतलाल नागर दोनों एक दूसरे के लिए बने थे!

आज हिंदी के विलक्षण गद्यकार अमृतलाल नागर की जयंती है. नागर जी की स्मृति को प्रणाम करते हुए लखनवी ठाठ के इस लेखक पर समकालीन लेखक दयानंद पाण्डेय का यह लेख पढ़िए, जो बड़ी रोचक शैली में लिखा गया है- मॉडरेटर  ============================= कहना बहुत कठिन है कि अमृतलाल नागर(1916 -1990) का …

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क्रिकेट खेल, धर्म और राजनीति का सम्मिश्रण था

आजादी से पहले के दौर में अंग्रेजों ने किस तरह क्रिकेट के खेल का राजनीतिक इस्तेमाल किया इसको समझने के लिए रामचंद्र गुहा की किताब ‘विदेशी खेल अपने मैदान पर’ पढने लायक है. उसी का एक सम्पादित अंश क्रिकेट और साम्प्रदायिकता को लेकर- मॉडरेटर ========================================= बंबई का वार्षिक क्रिकेट उत्सव, युद्ध …

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देशभक्ति गीत और उनके गीतकार

हर साल आजादी के दिन हम कुछ देशभक्ति की बातें कर लेते हैं, कुछ गीत गा-सुन लेते हैं मगर उन गीतकारों को नहीं याद करते हैं जिन्होंने देशभक्ति की भावना से लबरेज ये गीत लिखे थे. ऐसे ही कुछ गीतकारों पर सैयद एस. तौहीद का यह लेख- मॉडरेटर. ========================================= देश …

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किस्मत के मारे यह काबिल सितारे

आज सैयद एस. तौहीद ने कुछ गुमनाम फ़िल्मी सितारों पर लिखा है. आपको कुछ नाम याद आयें तो आप भी इनमें नाम जोड़ सकते हैं- मॉडरेटर======================= वक्त का न्याय सबसे महान होता है। हमारी फिल्म इंडस्ट्री ने किसी को आसमान की बुलंदिया नवाज कीं तो किसी को फकीर बना दिया। …

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झुकी पलकें पलटकर लिखतीं एक ऐसे महान अभिनय का शिलालेख

अच्छी कविताएं हमारी स्मृतियों में रह जाती हैं. करीब 15 साल पहले हिंदी के चर्चित कवि दिनेश कुशवाह ने फिल्म अभिनेत्रियों रेखा, हेलेन, स्मिता पाटिल और मीना कुमारी पर कवितायेँ लिखी थी, जो ‘हंस’ में छपी थी. मुझे याद है उसके अगले अंक में उन कविताओं पर मनोहर श्याम जोशी …

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मनोहर श्याम जोशी से वह मेरी पहली मुलाकात थी

आज मनोहर श्याम जोशी जीवित होते तो 81 साल के होते. उनकी स्मृति को प्रणाम करता हूँ और उनके ऊपर लिखी जा रही अपनी किताब का एक अंश आपके लिए जो उनसे मेरी पहली मुलाकात को लेकर है- मॉडरेटर. ======================================================================= उदयप्रकाश ने एक दिन एक पतला-सा उपन्यास दिया ‘स्ट्रीट ऑफ …

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क्या सचमुच अच्छे अनुवादक नहीं हैं?

सी-सैट को समाप्त करने के लिए युवाओं के आन्दोलन के पीछे एक बड़ा तर्क अनुवाद के सम्बन्ध में दिया जा रहा है. जिस तरह की भाषा में प्रश्न पत्र का अनुवाद हो रहा है उसे खुद अनुवादक कैसे समझ लेता है यह दिलचस्प है. बहरहाल, इसी प्रसंग को ध्यान में …

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