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स्वायत्त सांस्कृतिक संस्थाओं के दिन अब लदने वाले हैं

पता नहीं इसके ऊपर कितने लोगों का ध्यान गया. कुछ दिन पहले एक खबर इंडियन एक्सप्रेस में आई थी कि संस्कृति मंत्रालय ने अपने अधीन आने वाली 30 से अधिक संस्थाओं को दी जाने वाली राशि में भारी कटौती करने का फैसला किया है. साहित्य अकादेमी ने इस संबध में …

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देश का किसान बाढ़ से नहीं, राहत के रुपय पाने की लड़ाई से डरता है!

प्रतिष्ठा सिंह अपने लेखन के माध्यम से बिहार के गाँव-समाज की वास्तविक तस्वीर दिखाती हैं. उनकी किताब ‘वोटर माता की जय’ भी उसी का दस्तावेज़ है. बहरहाल, गाँव-किसानों पर उनकी यह मार्मिक टिप्पणी पढ़कर आँखों में आंसू आ गए. मैं भी किसान का बेटा हूँ. अगर गाँव में खेती के हालात …

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एक लगभग अलक्षित चली गई किताब के बारे में कुछ जरूरी बातें

2016 में सिनेमा, मीडिया की भाषा पर एक ठोस किताब आई ‘मीडिया की भाषा लीला’. इतिहासकार रविकांत की इस किताब पर किसी प्रोमो राइटर ने लिखा, इसको कहीं कोई पुरस्कार नहीं मिला. लेकिन बरसों तक सन्दर्भ पुस्तक के रूप में इसको संदर्भित किया जायेगा. इसके गहरे शोध और इसमें व्यक्त …

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सुश्री श्री(पूनम अरोड़ा) की कुछ नई कविताएँ

हाल के दिनों में जिस कवयित्री की कविताएँ पढ़कर यह आश्वस्ति मिलती है कि हिंदी में मेटाफिजिकल कविताएँ लिखना अभी भी संभव है वह श्री श्री(पूनम अरोड़ा) हैं. बेतरतीब वर्णनों वाली कविताओं की अंधाधुंध बारिश के बीच उनकी कविताएँ सुकून देती हैं. हालाँकि यह मेरा अपना मत है. इस रविवार …

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मंटो की कहानी ‘हतक’ और कुमार पाशी की नज़्म ‘सौगंधी’

मंटो की एक कहानी है ‘हतक’. सौगंधी नामक वेश्या के ऊपर लिखी यह कहानी मंटो की अनेक कहनियों की तरह ही दिल को चीर देने वाली है. दिल्ली के मरहूम शायर कुमार पाशी की एक नज़्म है ‘सौगंधी’, यह नज़्म ‘हतक’ कहानी की उसी नायिका के ऊपर है. आज के …

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मंटो! अरे वह अश्लील लेखक, वह पोर्नोग्राफर!

कुछ साल पहले रबिशंकर बल के उपन्यास ‘दोजख्ननामा’ का हिंदी अनुवाद आया था. उपन्यास में मंटो और ग़ालिब अपनी अपनी कब्रों से एक दूसरे को अपने अपने जीवन की दास्तान सुना रहे हैं. आज मंटो के जन्मदिन के मौके उसी उपन्यास से मंटो का एक बयान- मॉडरेटर ======================= मिर्ज़ा साहब, …

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वीरू सोनकर की नई पुरानी कविताएँ

कानपुर के कवि वीरू सोनकर की कविताओं में एक अजीब सी तुर्शी है. एक तरह का बांकपन. अच्छी लगती हैं. इस महीने 14 तारीख रविवार को ‘मुक्तांगन’ में जिन कवियों का कविता पाठ है उनमें वीरू सोनकर भी एक कवि हैं. आइये उनकी कुछ कविताएँ पढ़ते हैं- मॉडरेटर ====================== १- …

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जमशेदपुर में छः साल से चल रहा ‘सृजन संवाद’

यह रपट जमशेदपुर में चलाने वाली साहित्यिक गोष्ठी की है. साहित्य-सत्ता के केंद्र से दूर की गोष्ठियां अधिक रचनात्मक होती हैं. रपट पढ़िए. अंदाजा हो जायेगा- मॉडरेटर ======================== छ: वर्षों से निरंतर चल रही सीताराम डेरा की हमारी गोष्ठी का नामकरण हुआ। डॉ आशुतोष झा के सौजन्य से अब से …

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‘लता सुर-गाथा’- आलोचना नहीं श्रद्धा की कथा

इस साल निस्संदेह यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘लता: सुर गाथा’ हिंदी की सर्वाधिक चर्चित किताब रही. लेकिन इस किताब को लेकर कोई विस्तृत टिप्पणी या समीक्षा पढने में नहीं आई है. आज कल समीक्षा की जगह पर प्रोमोशन चलने लगा है. किताब चाहे कितनी भी बड़ी हो, उसका विषय कितना …

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युवा शायर #10 प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 आग है ख़ूब थोड़ा पानी है ये यहाँ रोज़ की कहानी है ख़ुद से करना है क़त्ल ख़ुद को ही और ख़ुद लाश भी उठानी है पी गए रेत तिश्नगी में लोग शोर उट्ठा …

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