आज पढ़िए ट्विंकल रक्षिता की कविताएँ। ट्विंकल गया के पास एक गाँव में रहती हैं। उनकी कविताएँ हंस, मंतव्य जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आप भी पढ़िए- ============= 1. मैन फोर्स कॉन्डम लड़की बिगड़ गई… कॉन्डम की बात करती है, वो भी मैन फोर्स… तो …
Read More »किंशुक गुप्ता की कहानी ‘सबसे पहले दिल देह चाहता है*
आज पढ़िए किंशुक गुप्ता की कहानी। किंशुक मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ लेखन से कई वर्षों से जुड़े हुए हैं। अंग्रेज़ी की अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कविताएँ और कहानियाँ प्रकाशित। द हिंदू, द हिंदुस्तान टाइम्स, द डेक्कन हेराल्ड, टाइम्स ऑफ इंडिया, द क्विंट के लिए स्वतंत्र लेखन। …
Read More »सूटकेस में यादें और प्रॉमिस लैंड की तलाश
पूनम दुबे की यात्राओं के किस्से हमने जानकी पुल पर खूब पढ़े हैं। इस बार लम्बे अंतराल के बाद उन्होंने लिखा है। कोपेनहेगन से बर्लिन की यात्रा पर। दिलचस्प है। अपने आपमें बहुत कुछ समेटे। आप भी पढ़िएगा- ============================ पैंडेमिक को लगभग दो साल हो गए। वैक्सीनेशन का प्रोग्राम दुनिया …
Read More »अजहर हाशमी की कहानी ‘ऐसा पागल नहीं देखा’
आज पढ़िए अजहर हाशमी की कहानी ‘ऐसा पागल नहीं देखा’। नए दौर से संजीदा शायर हैं। ग़ज़लें भी लिखते हैं। आज कहानी पढ़िए- =============================== एक रोज़ सूरज वैसे ही अपने सफर पे निकलता है अपनी रौशनी के साथ जैसे हर रोज़ निकलता है, और लोगों के जागने से पहले, उनकी …
Read More »प्रवीण झा की कहानी ‘बूम-बूम’
आज पढ़िए प्रवीण कुमार झा की कहानी। कहानी छोटी है लेकिन प्रवासियों-आप्रवासियों को लेकर लिखी गई एक दिलचस्प कहानी है। आप भी पढ़िए- ========================= “बर्फ़ जमने से उसकी पाइप फट गयी। बूम! यह बेवकूफ़ न जाने कब समझेंगे कि ठंडे प्रदेश में रहते कैसे हैं। मुँह उठा कर आ जाते …
Read More »अनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘हरसिंगार के फूल’
ओर्गैज्म को लेकर चल रही सार्थक बहस के दौरान मुझे लेखिका अनुकृति उपाध्याय की इस कहानी की याद आई। यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ में सम्मिलित है। हिंदी में ओर्गैज्म को लेकर शायद इससे अच्छा कुछ लिखा नहीं गया। समय हो तो पढ़िएगा- ======================================== मौना नहाकर निकली. उसके …
Read More »विमलेश त्रिपाठी का स्तम्भ एक गुमनाम लेखक की डायरी-3
युवा कवि विमलेश त्रिपाठी अपनी जीवन यात्रा को दर्ज कर रहे हैं। गाँव के छूटे हुए दिनों को बड़ी शिद्दत से याद कर रहे हैं। आज तीसरी किस्त पढ़िए- ==================== लगातार मनुष्यता की ओर यात्रा करने वाला मुसाफिर मुझे अपने जन्म का वर्ष और तारीख पता नहीं है। माँ से …
Read More »इजाडोरा की प्रेमकथा की काव्यात्मक समीक्षा
यतीश कुमार ने पुस्तकों की काव्यात्मक समीक्षा की एक शैली विकसित की। आज लम्बे समय के बाद उन्होंने पुनः एक पुस्तक की समीक्षा की है। पुस्तक है इज़ाडोरा डंकन की आत्मकथा ‘my life’ के हिंदी अनुवाद ‘इज़ाडोरा की प्रेमकथा’। पुस्तक संवाद प्रकाशन से प्रकाशित है। आप समीक्षा पढ़िए- ======================= …
Read More »‘कुछ पाने की ज़िद’ है मनोज बाजपेयी की संघर्ष गाथा
वरिष्ठ पत्रकार पीयूष पांडे ने प्रसिद्ध अभिनेता मनोज बाजपेयी की जीवनी लिखी है। पेंगुइन रैंडम हाउस से प्रकाशित इस जीवनी में मनोज बाजपेयी के प्रेरक जीवन के बारे में पीयूष पांडे ने काफ़ी प्रामाणिक लिखा है। इस जीवनी की समीक्षा लिखी है वरिष्ठ पत्रकार राठौर बिचित्र मणि सिंह ने। आप …
Read More »उज़्मा कलाम की कहानी ‘बिन शौहर’
आज पढ़िए उज़्मा कलाम की कहानी। उज़्मा ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है और जोधपुर में एक संस्था के लिए काम करती हैं। लिखने के अलावा चित्रकारी का शौक़ रखती हैं। इनकी कहानी पढ़िए- ================================== सुबह सवेरे ऐसी धमा-चौकड़ी मची कि मेरी आँख खुल …
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