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इंविटेशन एक नहीं, दो मंगाना मैं भी साथ चलूंगा – इमरोज

अमृता प्रीतम और इमरोज का रिश्ता, जिसने कभी भी, किसी तरह के सामाजिक बंधनों की परवाह नहीं की। उन्होंने अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जिया, सिर्फ एक–दूसरे की परवाह करते हुए। वे एक ही छत के नीचे दो अलग–अलग कमरों में रहते थे। पत्रकार-अनुवादक संगीता के द्वारा इमरोज से …

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ईशान त्रिवेदी की कहानी ‘ग्योलप्पा’

ईशान त्रिवेदी का ताल्लुक़ टीवी-फ़िल्मों में की दुनिया से है, सीनियर कलाकार हैं लेकिन मेरे जैसे लोग उनके लिखे के क़ायल हैं। अपने गद्य से समाँ बाँध देते हैं। मसलन यह पढ़िए, कहानी है या संस्मरण जो भी है पढ़ते ही दिल में बस जाता है- प्रभात रंजन =================================== राष्ट्रीय नाट्य …

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 खलील जिब्रान की किताब ‘द प्रोफ़ेट’ के कुछ अंश

ख़लील जिब्रान की किताब ‘द प्रोफ़ेट’ का अनुवाद आया है, अनुवाद किया है नीता पोरवाल ने- ==================================    खलील जिब्रान जैसे भोर की मंद समीरण जैसे मघा नक्षत्र की वर्षा जैसे पुरवाई की मीठी झकोर जैसे रूह को जगाता राग भैरव! जिब्रान जैसे आसमान का निहुरकर आंगन में उतर आना …

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प्रदीपिका सारस्वत की नई कहानी ‘शायद’

युवा लेखिका प्रदीपिका सारस्वत की कहानियों, कविताओं का अपना अलग ही मिज़ाज है। वह कुछ हासिल करने के लिए नहीं लिखती हैं बल्कि लिखना ही उनका हासिल है। यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर ================== मैं घर लौटा हूँ. एक अरसे बाद. लेकिन इस शहर की तरफ निकलने से पहले …

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अनन्या मुखर्जी की कैंसर डायरी के कुछ पन्ने

अभी हाल में ही ‘ठहरती साँसों के सिरहाने से : जब ज़िन्दगी मौज ले रही थी (कैंसर डायरी)’ किताब प्रकाशित हुई है राजकमल प्रकाशन से।अंग्रेज़ी में यह किताब स्पिकिंग टाइगर प्रकाशन से पहले ही प्रकाशित हो चुकी है। लेखिका अनन्या मुखर्जी का कैंसर से देहांत हो गया। किताब उसकी डायरी …

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रूसी लेखक इवान बूनिन की कहानी ‘बर्फ़ का सांड’

नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले रूसी लेखक इवान बूनिन की एक छोटी सी कहानी पढ़िए। बूनिन मानव मन और प्रकृति का चित्रण जिस बारीकी से करते हैं, वह मन को छू लेती है. आप उनकी रचनाएँ न केवल पढ़ते हैं, न सिर्फ ‘देखते’ हैं, बल्कि उन्हें जीते हैं, उनके पात्र …

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सुरेन्द्र मोहन पाठक की आत्मकथा का एक रोचक अंश

सरताज लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक की आत्मकथा का दूसरा खंड ‘हम नहीं चंगे… बुरा न कोय’ का एक अंश पढ़िए,पुस्तक का प्रकाशन राजकमल प्रकाशन से हुआ है। कल इस पुस्तक का लोकार्पण दिल्ली के त्रिवेणी सभागार में है। समय हो तो अवश्य आइएगा- मॉडरेटर ==================================== फिर विमल सीरीज का …

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कहानी में प्रेम है, वासना है, अकेलापन है, दोस्ती है, पार्टियाँ हैं, समंदर है

वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया के उपन्यास ‘बेघर’ पर यह टिप्पणी युवा लेखिका अंकिता जैन ने लिखी है- मॉडरेटर ==================================================== पिछले कुछ महीनों से किताबें पढ़ना थोड़ा कम हो गया था। पर अब फिर से ख़ूब सारा पढ़ लेना चाहती हूँ। पढ़ने के लिए जब ममता जी का लिखा यह उपन्यास …

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‘कॉलिंग सहमत’ के हिंदी संस्करण का विमोचन

पीछे दिनों राज़ी फ़िल्म की बड़ी चर्चा हुई। यह फ़िल्म कॉलिंग सहमत उपन्यास पर आधारित थी। अब इसका हिंदी संस्करण पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया से प्रकाशित होकर आ गया है। पढ़िए लोकार्पण से जुड़ी ख़बरें- मॉडरेटर ======================== 23 अगस्त 2019, नई दिल्ली। नई दिल्ली के कंस्टिट्यूशन क्लब में आज मशहूर …

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जो विस्मित नहीं हो सकते, वे अधूरे मनुष्य हैं

‘बनास जन’ पत्रिका के नए अंक में कई रचनाएँ पठनीय हैं। आज पढ़िए वरिष्ठ कवि-लेखक कुमार अम्बुज का गद्य, बनास जन से साभार- मॉडरेटर =============================== संसार के आश्चर्य (जो विस्मित नहीं हो सकते, वे अधूरे मनुष्य हैं।)   कुमार अम्बुज    आश्चर्य की पिछली कहानियों में जो बता चुका हूँ, …

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