बहुरुपिये राक्षस और दो भाइयों की कथा: मृणाल पाण्डे

‘बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथायें’ सीरिज़ की यह 20 वीं कथा है। इस सीरिज़ में प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे पारम्परिक लोक कथाओं का पाठ इस तरह से करती हैं कि वे समकालीन लगने लगती हैं। एक और मानीखेज़ कथा आज पढ़िए- ========================= (क्या लोक कथाओं से राज समाज …

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कविता शुक्रवार 20: निशांत की कविताएँ सोनम सिकरवार के चित्र

‘कविता शुक्रवार’ की इस बीसवीं प्रस्तुति में युवा कवि निशांत की कविताएं और सोनम सिकरवार के चित्र हैं। वर्ष 2008 में कविता के लिए प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार निशांत को दिया गया था। किसी एक कविता को आधार बना कर दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए समकालीन भारतीय …

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‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा

पंजाबी की प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौर की आत्मकथा ‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- ======================= 1.   नाभि से कान सटाये हामला औरत-एक ज़ख्मी बाज़ नंगे दरख़्त की सबसे उपरी टहनी पर शोक गीत गा रही है   ज़ख़्मों में इतना रोष है …

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रामविलास पासवान की जीवनी का प्रकाशन

रामविलास पासवान की जीवनी वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव लिख रहे थे। यह जानकारी मुझे थी। अब वह जीवनी प्रकाशित होकर सामने आ गई है। पेंगुइन से प्रकाशित इस जीवनी में रामविलास पासवान के जीवन संघर्ष, लगभग पाँच दशकों के राजनीतिक जीवन के बारे में विस्तार से लिखा ही गया है। …

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श्यौराज सिंह बेचैन की कहानियों का विमर्श

दलित साहित्यकारों में श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। उनकी प्रिय कहानियों के संकलन ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’ की कहानियों पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है युवा अध्येता सुरेश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ================== दलित विमर्श और साहित्यिक महारथियों के बीच श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ …

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सरला माहेश्वरी की कविताएँ शबनम शाह के चित्र

कविता शुक्रवार के इस अंक में प्रस्तुत हैं सरला माहेश्वरी की कविताएं और शबनम शाह के चित्र। सरला माहेश्वरी के अब तक आठ कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिनमें ‘आसमान के घर की खुली खिड़कियां’, ‘लिखने दो’, ‘तुम्हें सोने नहीं देगी’ और ‘जिंदगी का पाठ’ शामिल हैं। उन्होंने स्त्री विषयक …

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कैंजा, साबुली कैंजा और मनोहर श्याम जोशी का उपन्यास ‘कसप’

कुछ उपन्यासों के प्रमुख किरदार इतने हावी हो जाते हैं कि कई संगी किरदारों पर ध्यान ही नहीं जाता। मनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘कसप’ की साबुली कैंजा ऐसी ही एक किरदार हैं। मुदित विकल ने उस किरदार पर, कैंजा शब्द पर बहुत सुंदर लिखा है। साजा कर रहा हूँ …

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पात्रापात्रा टर्रानेवाले मेंढक और चींटी की कथा:  मृणाल पाण्डे

प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे ने बच्चों को न सुनाने लायक बालकथाएँ लिखनी शुरू की तो परम्परा से चली आ रही एक से एक लोक कथाएँ पुनर्जीवन पाने लगी, नए संदर्भों में प्रासंगिक लगने लगी।  यह इस सीरिज़ की 19वीं कथा है। क़िस्सा पुराना है लेकिन पढ़ते हुए अपना समय ध्यान …

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कोरोना काल में सोशल बिहेवियर को रेखांकित करने वाली किताब

वरिष्ठ पत्रकार अजय बोकिल की किताब प्रकाशित हुई है ‘कोरोना काल की दंश कथाएँ’। शिवना प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की समीक्षा की है हेमंत पाल ने। आप भी पढ़ सकते हैं-  ==============   इक्कीसवीं सदी का बीसवां साल सदियों का दस्तावेज बन गया है। कोविड 19 के रूप में …

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झूठ की दुनिया में सत्य को आत्मसात करने के लिए यह किताब पढ़ें

अशोक कुमार पांडेय की किताब ‘उसने गांधी को क्यों मारा’ जब से प्रकाशित हुई है ऐसा लगता है जैसे सोशल मीडिया पर भूचाल आ गया हो। बहुत दिनों बाद किसी किताब का ऐसा स्वागत होते देखा है। यह पुस्तक बताती है कि हिंदी का नया पाठक अपने इतिहास के प्रसंगों …

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