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शरतचन्द्र, श्रीकांत और चतुर्भुज स्थान, मुजफ्फरपुर

शरतचन्द्र पहली बार मुजफ्फरपुर 1902 में गये थे. तब लेखक के रूप में उनकी प्रसिद्धि नहीं हुई थी. हालाँकि उन्होंने लिखना शुरू कर दिया था. विष्णु प्रभाकर ने ‘आवारा मसीहा’ में इस सम्बन्ध में विस्तार से लिखा है कि वे वहां किस तरह से महादेव साहू, बंगाल लेखिका अनुरूपा देवी …

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क्या ‘वासकसज्जा’ हिंदी का सबसे अश्लील उपन्यास है?

इमरजेंसी के बाद कोठे का मतलब बदलने लगा था. इस बात के ऊपर लोगों का ध्यान नहीं गया है कि इमरजेंसी में बैन होने के बाद से नाच-गान के पारंपरिक पेशों की जगह कोठे रेडलाईट एरिया में तब्दील हो गए. उन्हीं दिनों मुंबई के कमाटीपुरा की यौनकर्मियों के जीवन को …

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कोई भी मुझे इंतज़ार के सिवा कुछ नहीं दे सकता

पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता पहली अश्वेत लेखिका ग्वेंडोलीन ब्रुक्स का जन्म 7 जून1917 को टोपेका, केन्सास, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ. इस एफ्रो अमेरिकन लेखिका ने अश्वेत समाज के जीवन की लय को अपनी कविताओं में बखूबी सम्माहित किया है। उनकी कुछ कविताओं का सुन्दर अनुवाद किया है त्रिपुरारि कुमार शर्मा ने- मॉडरेटर  =========================== पागल …

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मार्केज़ का आखिरी उपन्यास और कोठा

20 वीं शताब्दी के महान लेखक गाब्रियल गार्सिया मार्केज़ का आखिरी उपन्यास ‘मेमोरीज ऑफ माई मेलंकली व्होर्स’ 2004 में प्रकाशित हुआ था जिसका अंग्रेजी अनुवाद 2005 में आया था. यह उपन्यास जैसा कि शीर्षक से ही स्पष्ट है कोठे की एक लड़की के साथ 90 साल के एक वृद्ध के प्रेम …

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प्रेमचंद कैसे बने मुंशी प्रेमचंद?

प्रेमचंद के मुंशी प्रेमचंद बनने की यह कहानी पढ़ी तो आपसे साझा करने का मन हुआ. डॉ. जगदीश व्योम ने लिखी है. जहाँ पढ़ा उसक सन्दर्भ लेख के नीचे यथास्थान दे दिया है- मॉडरेटर  ==========================================================   सुप्रसिद्ध साहित्यकारों के मूल नाम के साथ कभी-कभी कुछ उपनाम या विशेषण ऐसे घुल-मिल …

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अरबी कविता: हिंदी अनुवाद

मैंने अरबी भाषा के कुछ कवियों की कविताओं के अनुवाद किये हैं जो आज दैनिक हिन्दुस्तान में प्रकाशित हुए हैं. जिन्होंने न पढ़ा हो उनके लिए- प्रभात रंजन  ========================================= सीरियाई कवि अडोनिस की कविताएं गीतों का मुखौटा अपने ही इतिहास के नाम पर कीचड़ में धंसी धरती पर, जब भूख …

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छोटे-छोटे शहरों में ‘तनु वेड्स मनु’

फिल्मों को लेकर सोशल मीडिया पर भी आम तौर पर महानगरों के दर्शकों की प्रतिक्रियाएं ही आ पाती हैं. हम छोटे शहरों के दर्शकों की राय तक नहीं पहुँच पाते. ‘तनु वेड्स मनु’ पर आज पटना में रहने वाले सुशील कुमार भारद्वाज की टिप्पणी छोटे शहर के दर्शक की प्रतिक्रिया …

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काजी नजरुल इस्लाम के गाँव की खबर

लेखक संजय कृष्ण ने काजी नजरुल इस्लाम के गाँव, उनके जन्मस्थान के ऊपर यह अच्छा वृत्तान्त लिखा है. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर  =======================   क्रांतिधर्मी और विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम का गांव चुरुलिया आज भी वही हैं, जहां वह एक शताब्दी पहले था। पं. बंगाल के आसनसोल सब डिविजन …

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हम ऐसी कुल किताबें काबिले-ज़ब्ती समझते हैं

वह एक भरपूर बौद्धिक शाम थी. सच बताऊँ तो जबसे हिंदी में सेलिब्रिटी लेखकों का दौर चला है, पौपुलर-शौपुलर का जोर बढ़ा है हिंदी के मंचों से जैसे बौद्धिकता की विदाई ही हो गई है. आप किसी प्रोग्राम में चले जाइए आह-आह, वाह-वाह ही होता रह जाता है.  लेकिन उस …

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दिनकर की किताब ‘लोकदेव नेहरु’ के 50 साल

‘लोकदेव नेहरु’ के प्रकाशन का यह 50 वां साल है. मुझे आश्चर्य होता है कि इस किताब की तरफ नेहरु की मृत्यु की अर्धशताब्दी के साल कांग्रेस पार्टी का ध्यान भी नहीं गया. जबकि यह दिनकर जी की सबसे अच्छी पुस्तकों में ही. दुर्भाग्य है कि जो दिनकर के आलोचक …

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