कवि-संपादक पीयूष दईया इन दिनों दुर्लभ रचनाओं, कृतियों की खोज में लगे हुए हैं. उनके हाथ मनोहर श्याम जोशी जी की ये दुर्लभ कविताएँ लगीं. वैसे तो जोशी जी की सम्पूर्ण कविताएँ उनके मरणोपरांत ‘कूर्मांचली की कविताएँ’ शीर्षक से पुस्तकाकार प्रकाशित हो चुकी हैं. लेकिन ये कवितायें उस संकलन में …
Read More »छावनियों के शहर के लेखक की आत्मकथा
वरिष्ठ लेखक धीरेन्द्र अस्थाना की आत्मकथा ‘ज़िन्दगी का क्या किया’ पर बहुत अच्छी टिप्पणी पंकज कौरव ने की है. पंकज जी की लिखी यह पहली समीक्षा ही है. एक बात है बहुत दिनों बाद किसी लेखक की ऐसी आत्मकथा आई है समय गुजरने के साथ जिसके शैदाई बढ़ते जा रहे …
Read More »क्यों करती हैं महिलाएं वट सावित्री व्रत?
वट सावित्री पूजन के अवसर पर डॉ. विनीता परमार का लेख – दिव्या विजय ======================================================== भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी आज भी गाँवों में निवास करती है जिनका नाता परेशानियों से सदैव रहा है । इन जीवट भारतीयों ने अपने जीवन की राह को सरल बनाने के लिए अपने रोज़मर्रा …
Read More »जब आप प्रेम में होते हैं तो अनावश्यक रूप से सकारात्मक हो जाया करते हैं
जानकी पुल हो सकता है किसी स्थापित लेखक की रचना से परिचय करवाने से चूक जाए लेकिन उसकी पूरी कोशिश होती है कि किसी नए लेखक की उल्लेखनीय कृति उसकी नजर से छूट न जाए. हाल में एक उपन्यास नजर में आया ‘रूममेट्स‘. सीत मिश्रा का यह उपन्यास कई मायनों …
Read More »टू डेल्ही विद लव- ये नाम है कहानी प्रतियोगिता का
टू डेल्ही विद लव- ये नाम है कहानी प्रतियोगिता का. SIM पब्लिकेशन्स द्वारा इस प्रतियोगिता की घोषणा की गई है. यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन उद्यम है जो जेम्स हेमिंग्वे इंप्रिंट के तहत जल्दी ही हिंदी के नए लेखकों को मौका देगा. यह प्रतियोगिता सभी भाषाओं के लिए खुली हुई है. …
Read More »बांड नाम था उसका- जेम्स बांड
सबसे अधिक बार जेम्स बांड की भूमिका निभाने वाले अभिनेता रोजर मूर का निधन हो गया. दिव्या विजय का लेख- मॉडरेटर ==== कैंसर नाम की ये बीमारी न जाने हमारे और कितने प्यारों को लील जाएगी. अभी कुछ दिन पहले ही हमें 70 के दशक के हिन्दी फ़िल्मों के ख्यात …
Read More »जेमिथांग घाटी वाले नक्सल बाबा की चिट्ठी
इधर लेखिका अरुंधती राय को लेकर वाद-विवाद संवाद चल रहा है उधर नक्सली बाबा की चिट्ठी आ गई. अपने नॉर्वे-प्रवासी डॉक्टर प्रवीण कुमार झा को मिली है यह चिट्ठी. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ============================================== कल जेमिथांग घाटी वाले नक्सल बाबा की चिट्ठी आई। नक्सल बाबा मेरे पुराने बंगाली मित्र हैं।अंग्रेजी …
Read More »हिंदी मीडियम टाईप होना कब तक हीन भावना का कारण बना रहेगा?
‘हिंदी मीडियम’ फिल्म जब से आई है तब से देख रहा हूँ कि सभी इसके ऊपर लिख रहे हैं. यह एक ऐसी फिल्म साबित हुई है जिसने लाखों लोगों के दिल की बात जैसे कह दी है. आज बिपिन कुमार पाण्डेय का विस्तृत लेख- मॉडरेटर ==================================================== एक हमारे मित्र हैं, …
Read More »गर्मी के मौसम में बिजली के बिना
जब एक प्रवासी गर्मी के मौसम में बिहार अपने गाँव जाता है तो क्या हाल होता है- मुकुल कुमारी अमलास का यह वृत्तान्त यही बताता है. दिलचस्प है- मॉडरेटर ================== दिन के चार बजे हैं और अब बिजली महारानी के दर्शन हुये हैं । जेठ की पूरी दोपहरी पसीने से …
Read More »युवा शायर #12 अब्बास क़मर की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है अब्बास क़मर की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 मेरी परछाइयां गुम हैं मेरी पहचान बाक़ी है सफ़र दम तोड़ने को है मगर सामान बाक़ी है अभी तो ख़्वाहिशों के दरमियां घमसान बाक़ी है अभी इस जिस्मे-फ़ानी में ज़रा सी जान बाक़ी है इसे …
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