आजकल ‘सरदार उधम’ फ़िल्म की बड़ी चर्चा है। इसी फ़िल्म पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है मनोज मल्हार ने, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हैं। आप भी पढ़िए- ========================= सरकारें अक्सर अपनी विचारधारा के अनुरूप कला , संस्कृति और सिनेमा को प्रोत्साहित करती है. कांग्रेस की सरकारें पहले धर्मनिरपेक्षता …
Read More »प्रीति प्रकाश की कहानी ‘पलाश के फूल’
प्रीति प्रकाश तेज़पुर विश्वविद्यालय में शोधार्थी हैं। उनके लेखन से हम सब परिचित रहे हैं। यह उनकी नई कहानी है- ================================== पलाश के फूल ‘पलाश के फूल कितने सुन्दर लगते हैं न’ हॉस्टल से वापस घर जाते समय कविता ने कहा| आगे बढ़ती हुई गाडी से मुड़कर मैंने पलाश के …
Read More »आशुतोष राणा की किताब पर यतीश कुमार की टिप्पणी
फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा के व्यंग्य लेखकों का संकलन प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है- ‘मौन मुस्कान की मार’। इस पुस्तक पर एक सुंदर टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =================== कई बड़े कलाकारों के साक्षात्कार में सुना है कि अभिनय शैली में …
Read More »प्रकाश मनु के संस्मरण में शैलेश मटियानी
आज अपने ढंग के अकेले लेखक शैलेश मटियानी का जन्मदिन है। इस अवसर पर उनको याद कर रहे हैं वरिष्ठ लेखक प्रकाश मनु। इस आत्मीय संस्मरण को आप भी पढ़ सकते हैं- =============================== [1] मैं बहुत लेखकों से मिला हूँ। पर बहुत कम लेखक ऐसे मिले, जो पहली बार …
Read More »राजीव कुमार की कहानी ‘कहानी उलझी हुई’
राजीव कुमार साहित्यानुरागी हैं, कवि हैं, लेखक हैं। आज उनकी एक नई कहानी पढ़िए। एक दिलचस्प कहानी- ============================== फेसबुक पर उसकी इस नई कहानी का जिक्र था। एक बार फोन भी किया था उन्होंने। उसने यह आग्रह भी किया था कि उनकी यह कहानी मेरे द्वारा जरूर पढ़ी जाय, और …
Read More »नवीन चौधरी के उपन्यास ‘ढाई चाल’ का एक अंश
युवा लेखक नवीन चौधरी का दूसरा उपन्यास एक लम्बे इंतजार के बाद आया है। उनका पहला उपन्यास ‘जनता स्टोर’ एक रोमांचक पोलिटिकल थ्रिलर था। दूसरे उपन्यास ‘ढाई चाल’ से भी उसी रोमांच की उम्मीद है। उपन्यास राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित हुआ है। फ़िलहाल आप अंश पढ़िए- ==================== सीमा और …
Read More »‘अफ़ग़ानिस्तान से ‘खत-ओ-खिताबत’ का एक अंश
राकेश तिवारी का यह दूसरा यात्रा वृत्तांत है- ‘अफ़ग़ानिस्तान से ‘खत-ओ-खिताबत’। राजकमल प्रकाशन समूह से प्रकाशित इस किताब का अंश पढ़िए- ========================= उत्तर दिशा में शहर से ऊपर उठते पहाड़ों के पीछे बैकग्राउंड पर छाया बर्फ़ीला दमवंद पहाड़। दोनों बगल सतर दरख़्तों की क़तारों वाली चौड़ी सड़कों के फूल-पौधों वाले …
Read More »स्त्रीवाद और आलोचना का संबंध
स्त्री विमर्श पर युवा लेखिका सुजाता की एक ज़रूरी किताब आई है ‘आलोचना का स्त्री पक्ष’। इस किताब की समीक्षा लिखी है दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी महेश कुमार ने। पुस्तक का प्रकाशन राजकमल प्रकाशन ने किया है- =================================== ‘आलोचना का स्त्री पक्ष’ सुजाता जी द्वारा लिखित हिंदी आलोचना …
Read More »कविता दुःखों के साथ कि गयी सबसे बड़ी नाइंसाफ़ी है: रवित यादव
दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फ़ैकल्टी के छात्र रवित यादव की कुछ नई कविताएँ पढ़िए। गद्य-पद्य कविता में कुछ नए प्रयोग हैं- ======================== 1-कविता, दुःखों के साथ कि गयी सबसे बड़ी नाइंसाफ़ी है। ……….…….. कोई ऐसी कविता ढूँढ रहा हूँ जो यह बता सके कि कौन से दुःखों को …
Read More »प्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘मुलतानी काफी के उस्ताद’
आज पढ़िए हरफ़नमौला लेखक प्रमोद द्विवेदी की बेजोड़ रसदार कहानी- ====================================== यह कहानी उस्ताद की मौत से ही शुरू होती है। दरअसल सुबह से ही बैगपाइपर ने भौंकना शुरू कर दिया था। वह उस खिड़की के पास ही बैठकर भौंक रहा था, जहां से उस्ताद की मुलतानी काफी का …
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