आज महापंडित राहुल सांकृत्यायन की 125 वीं जयंती है. उन्होंने 148 किताबें लिखीं, दुनिया भर में घूमते रहे, बौद्ध धर्म सम्बन्धी अनेक दुर्लभ पांडुलिपियाँ लेकर भारत आये. वे इंसान नहीं मिशन थे. आज उनके मिशन, उनके विचारों को याद करने का दिन है. प्रसिद्ध विद्वान सुधीश पचौरी का यह लेख …
Read More »लोकप्रिय शैली में लिखी गंभीर कहानियां
आकांक्षा पारे बहुत जीवंत, दिलचस्प कहानियां लिखती हैं और वह बिना अधिक लोड लिए. इसीलिए कथाकारों की भीड़ में सबसे अलग दिखाई देती हैं. उनके कहानी संग्रह ‘बहत्तर धडकनें तिहत्तर अरमान’ पर एक अच्छी समीक्षा लिखी है युवा लेखक पंकज कौरव ने, जिनके लेखन का मैं खुद ही कायल रहा …
Read More »ज़रूरी था कि हम दोनों तवाफ़-ए-आरज़ू करते…
लखनऊ के रहने वाले युवा लेखक स्कन्द शुक्ल पेशे से डॉक्टर हैं। स्कन्द शुक्ल की रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके साथ ही दो उपन्यास ‘परमारथ के कारने’ और ‘अधूरी औरत’ भी छप चुकी हैं। ये सोशल मीडिया पर अनेकानेक वैज्ञानिक और स्वास्थ्य-समाज सम्बन्धी लेखों-जानकारियों के माध्यम से काफ़ी सक्रिय हैं। इकारस …
Read More »स्वाति श्वेता की कहानी ‘अपाहिज’
स्वाति श्वेता की कहानियाँ कई पत्र-पत्रिकाओं में छप चुकी हैं। पेशे से अध्यापक स्वाति का एक कहानी संग्रह “कैरेक्टर सर्टिफ़िकेट” और एक कविता संग्रह “ये दिन कर्फ़्यू के” प्रकाशित है। अभी स्वाति गार्गी कॉलेज में स्थाई सहायक प्रवक्ता हैं। आज स्वाति श्वेता की कहानी अपाहिज पढ़िए। — अमृत रंजन …
Read More »सुरेन्द्र नाथ उर्फ़ ‘बॉम्बे सहगल’ के बारे में आप कितना जानते हैं?
गुजरे जमाने के स्टार सुरेन्द्रनाथ उर्फ़ बॉम्बे सहगल को याद करते हुए एक अच्छा लेख सैयद एस. तौहीद का- मॉडरेटर ============================================================= किसी ने नहीं सोचा होगा कि वकालत की डिग्री रखने वाले सुरेंद्रनाथ उर्फ सुरेंद्र हिंदी सिनेमा के बड़े स्टार बनेंगे। लेकिन ऊपर वाला उनमें एक अलग मिजाज देख रहा …
Read More »‘हिचकी’ फिल्म पर पूनम अरोड़ा की टिप्पणी
‘हिचकी’ फिल्म पर यह लेख लेखिका पूनम अरोड़ा(श्री) ने लिखा है. अच्छा लगा तो साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर ================================================================= नैना माथुर को टुरेट सिंड्रोम है जिसे साधारण भाषा में समझा जाए तो ‘बार-बार हिचकी आना, चेहरे के हाव-भाव अलग दिखना, गले से कुछ आवाज़े आना और आँखों का झपकना …
Read More »मनोहर श्याम जोशी की कविता ‘निर्मल के नाम’
निर्मल वर्मा के लिए उनके समकालीन लेखक मनोहर श्याम जोशी ने यह कविता 1950 के दशक के आखिरी वर्षों में लिखी थी जब दोनों लेखक के रूप में पहचान बनाने में लगे थे. मनोहर श्याम जोशी तब ‘कूर्मांचली’ के नाम से कविताएँ लिखते थे. आज निर्मल वर्मा का जन्मदिन है. …
Read More »‘बैड बॉय’ की ‘गुड’ जीवनी
जब से जाने माने फिल्म पत्रकार-लेखक यासिर उस्मान द्वारा लिखी गई संजय दत्त की जीवनी ‘द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ बॉलीवुडस बैड बॉय संजय दत्त’ बाजार में आई है तब से यह लगातार चर्चा और विवादों में बनी हुई है. इस किताब के ऊपर मेरी एक छोटी से टिप्पणी- प्रभात …
Read More »मनमोहन देसाई और उनका सिनेमा
मार्च महीने की पहली तारीख़ को मनमोहन देसाई का निधन हुआ था. आज महीने की आखिरी तारीख़ पर सैय्यद एस. तौहीद का यह लेख उनकी फिल्मों के कुछ सूत्रों की अच्छी व्याख्या करता है लेकिन सम्पूर्णता में नहीं. एक बार कमलेश्वर ने अपने एक इंटरव्यू में यह कहा था कि मनमोहन …
Read More »लेखक बनने की पहली कोशिश, मनोहर श्याम जोशी और अमेरिकन सेंटर लाइब्रेरी
आज मनोहर श्याम जोशी जी की 12 वीं पुण्यतिथि है. इस अवसर पर उनकी स्मृति को प्रणाम करते हुए उनके ऊपर अपनी लिखी जा रही किताब का एक अंश प्रस्तुत कर रहा हूँ- प्रभात रंजन ============================================= आखिरकार उनके(मनोहर श्याम जोशी) घर बेतकल्लुफी से आने जाने का सिलसिला शुरू हो गया …
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