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विनीता परमार की कुछ कविताएँ

आज पढ़िए विनीता परमार की कविताएँ- मॉडरेटर =============   *नहीं की मैंने कोई यात्रा* 1. अंतहीन प्रतीक्षा की  सरलता कितनी आसानी से मान लिया ठहर कर देखने की सहजता ने ।   तुम्हें हमेशा चलने की परेशानी रही यात्राओं की जद से बचने में नहीं चाही कोई यात्रा ।   …

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‘इमा’ तुझे रोके है , रोके है मुझे ‘बेटी’

मणिपुर की राजधानी इम्फाल का इमा बाजार, जहाँ सिर्फ महिलायें बाजार लगाती हैं. उसके बारे में एक जीवंत टेक्स्ट लिखा है गीताश्री ने. वह अभी हाल में मणिपुर यात्रा पर गई थीं. बहुत साधा हुआ गद्य, न्यू जर्नलिज्म की तरह यानी ऐसा रिपोर्ताज जो पढने में साहित्य सा आनंद दे- …

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‘तमाशा’ प्रेम की कहानी है या रोमांस की

तीन साल पहले आज के ही दिन इम्तियाज़ अली की फिल्म ‘तमाशा’ पर युवा लेखिका सुदीप्ति ने यह लेख लिखा था. तमाशा इम्तियाज़ की शायद सर्वश्रेष्ठ फिल्म है. प्यार और रोमांस के दर्शन की ओर ले जाने वाली फिल्म. खैर, कुछ दिन पहले इम्तियाज़ ने भी इस रिव्यू को पढ़कर …

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भारतीय भाषाओं में इतिहास-लेखन की परम्पराएँ और चुनौतियाँ (हिंदी के विशेष सन्दर्भ में)

मध्यकालीन इतिहास के विद्वान रज़ीउद्दीन अक़ील ने भारतीय भाषाओं में इतिहास लेखन को लेकर एक गंभीर सवाल उठाया है. आजकल रज़ी साहब की चिंता के केंद्र में यह बात है कि हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में इतिहास की किताबें आनी चाहिए ताकि देश के आम जन तक इतिहास की …

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निर्मल वर्मा को जब भी पढ़ती हूँ तो चकित होती हूँ- ममता सिंह

रेडियो की प्रसिद्ध एंकर ममता सिंह की कहानियां हम सब पढ़ते रहे हैं. हाल में ही राजपाल एंड संज प्रकाशन से उनकी कहानियों का पहला संकलन आया है ‘राग मारवा’, उसी को सन्दर्भ बनाकर युवा लेखक पीयूष द्विवेदी ने उनसे एक बातचीत की. आपके लिए- मॉडरेटर ==============================================   सवाल – …

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नामवर सिंह की नई किताब है ‘द्वाभा’

जीते जी किंवदंती बन चुके नामवर सिंह की नई किताब आ रही है ‘द्वाभा’. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब के बारे में पढ़िए- मॉडरेटर =================================== नामवर सिंह अब एक विशिष्ट शख्सियत की देहरी लाँघकर एक लिविंग ‘लीजेंड’ हो चुके हैं। तमाम तरह के विवादों, आरोपों और विरोध के साथ असंख्य लोगों की …

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न माला न मंतर न पूजा न सजदा  तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत

रचना भोला यामिनी के लव नोट्स की किताब ‘मन के मंजीरे’ इस साल के आरम्भ में राजपाल एंड संज से आई थी. अपने ढंग की अलग सी शैली की इस रूहानी किताब की समीक्षा लिखी है कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- मॉडरेटर ===================== तेरे पास में बैठना भी इबादत तुझे दूर …

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पेंगुइन से संपर्क हुआ तो मेरे पंख कुछ और खुल गए- नरेन्द्र कोहली

हिंदी के वरिष्ठ लेखक नरेन्द्र कोहली की दो किताबें जनवरी में पेंगुइन रैंडम हाउस-हिन्द पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होने वाली है. इसकी घोषणा हाल में ही हुई- मॉडरेटर ============================================ हिंदी में मिथक कथाओं पर आधारित उपन्यासों के पर्याय माने जाने वाले नरेन्द्र कोहली की दो नई पुस्तकें पेंगुइन रैंडम हाउस …

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प्रतिभा चौहान की कुछ कविताएँ

प्रतिभा चौहान बिहार न्यायिक सेवा में अधिकारी हैं लेकिन मूलतः कवयित्री हैं. उनकी कवितायेँ लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. जानकी पुल पर पहली बार प्रकाशित हो रही हैं. उनकी कुछ कविताओं पर उर्दू नज्मों की छाप है कुछ हिंदी की पारंपरिक चिन्तन शैली की कवितायेँ हैं. वे …

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सुरेंद्र मोहन पाठक की नजर से हिन्द पॉकेट बुक्स का इतिहास

हाल में हिंदी प्रकाशन जगत में एक बड़ी घटना बड़ी खामोशी से हुई. पेंगुइन रैंडम हाउस और हिन्द पॉकेट बुक्स प्रकाशन एक हो गई. हिंदी में पॉकेट बुक्स क्रांति लाने में हिन्द पॉकेट बुक्स की बड़ी भूमिका रही है. हिंदी के सबसे लोकप्रिय लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक ने हिन्द पॉकेट …

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