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शर्मिला जालान की डायरी में महादेवी

आज पढ़िए लेखिका शर्मिला जालान की डायरी- ================================== पहली बार डायरी लिखना शुरू नहीं किया। पहले लिखा है। पर इसके पहले जो लिखा वे मन के दस्तावेज थे। दैनन्दिनी का जोड़ घटाव। और आज जो लिख रही हूँ वह पुरखों की संगति से बड़ा होता अनुभव संसार है। अध्यापिका हूँ। …

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धोनी रांची में नहीं, हमारी कहानियों में रहता है!

महेंद्र सिंह धोनी ने अचानक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया। सब हैरान रह गए। उनके खेल पर यह लेख लिखा है शंपा शाह ने। शंपा जी जानी-मानी लेखिका हैं, कलाकार हैं, अनुवाद करती हैं। यह लेख पढ़िए- ================ किसी लेखक का  काम ही लिखना है। वह कहानी लिखे तो …

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मृणाल पाण्डे की कथा ‘सास-बहू, भरवां करेले और नकचढी मूर्ति की कथा’    

प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे बच्चों को न सुनाने लायक बालकथाएँ लिख रही हैं। यह बारहवीं कथा है। स्त्रियों के दुःख की अनंत कथाओं में एक कथा जो ना जाने लोक में कब से रही होगी। मृणाल जी ने उसको समकालीन बना दिया है। आप भी पढ़िए- =============================== बहुत दिन हुए, …

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कविता शुक्रवार 10: उपासना झा की कविताएँ सुप्रिया अम्बर के चित्र

कविता शुक्रवार में इस बार पढ़िए उपासना झा की नई कविताएं और देखिए युवा चित्रकार सुप्रिया अम्बर के चित्र और उन पर बनी एक शॉर्ट फिल्म। उपासना झा का जन्म बिहार के हथुआ (जिला गोपालगंज) में हुआ। वे पढ़ाई और नौकरियों के कारण कई शहरों में रही हैं। दिलचस्प यह …

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खोया हुआ आदमी

यह लेख लिखा है महेश चंद्र सकलानी ने। श्री सकलानी मूलतः टिहरी के रहने वाले हैं और उ प्र पॉवर कॉर्पोरेशन, शक्ति भवन, लखनऊ से महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वे कविताएँ भी लिखते हैं और उनका एक कविता संग्रह प्रकाशित है। अप उनके विचार पढ़िए- =================== कोविड-19 …

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अजय नावरिया की कहानी ‘यस सर’

अजय नावरिया समकालीन कहानी का ऐसा नाम है जिनके परिचय देने की ज़रूरत महसूस नहीं होती। हम सब उनकी कहानियों से अच्छी तरह परिचित हैं। समाज के भेदभाव, गैर बराबरी के कथानक बड़ी सहजता से उनकी कहानियों में आते हैं। जैसे उनकी इस कहानी में पढ़िए-    ==============================================         ‘तिवारी, …

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हिंदी में मोटिवेशनल किताबों के अभाव को दूर करने वाली पुस्तक

जब से यूपीएससी के रिज़ल्ट आए हैं इस बात को लेकर बड़ी चर्चा है कि हिंदी मीडियम के प्रतिभागियों का चयन कम होता जा रहा है। मुझे निशांत जैन की याद आई। उनकी किताब ‘रुक जाना नहीं’ की याद आई। निशांत जैन आईएएस हैं लेकिन उससे बड़ी बात है कि …

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बिटवीन द लाइंस की पढ़त है ‘सिनेमागोई’

नवल किशोर व्यास रंगकर्मी हैं, अभिनेता हैं और फ़िल्मों पर अच्छा लिखते हैं। उनके कुछ लेख पहले जानकी पुल पर प्रकाशित भी हुए हैं। अभी उनकी किताब आई है ‘सिनेमागोई’, जिसकी समीक्षा लिखी है अमित गोस्वामी ने। अमित जी सरोद वादक हैं और अच्छे ग़ज़लगो हैं। आप यह समीक्षा पढ़िए- …

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शेर, आदमी और ज़ुबान का घाव: मृणाल पाण्डे

बच्चों को न सुनाने लायक बालकथा की यह ग्यारहवीं किस्त है। जानी मानी लेखिका मृणाल पाण्डे लोककथाओं को नए सिरे से लिख रही हैं और वे कथाएँ हमें अपने आसपास की लगने लग रही हैं। आइए इस कथा में जानते हैं कि शेरों ने मनुष्य के ऊपर कब भरोसा करना …

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दिल्ली से आयी चिट्ठी का जवाब लाहौर से

कल शायर, कलाकार शुएब शाहिद ने ‘लाहौर की दोशीज़ा के नाम’ एक ख़त लिखा था। आज उसका जवाब आया है। जवाब दिया है लाहौर से राबिया अलरबा ने, जो नौजवान पाकिस्तानी कहानीकार, आलोचक और कॉलम लेखक हैं। साहित्य, समाज और सियासत पर अपने विशेष आलोचनात्मक विचारों के लिए भी जानी …

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