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Prabhat Ranjan

‘पितृ-वध’ से निकलता स्त्री-स्वर

आशुतोष भारद्वाज की पुस्तक ‘पितृवध’ हाल के दिनों में प्रकाशित मेरी प्रिय पुस्तकों में एक रही है। इसी पुस्तक पर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की छात्रा अनुरंजनी ने एक उल्लेखनीय टिप्पणी की है। आप लोगों से साझा कर रहा हूँ- ============================================ ‘पितृ-वध’ आशुतोष भारद्वाज की ऐसी पुस्तक है …

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युवा कवि अमृत रंजन की पाँच कविताएँ

अमृत रंजन की कविताएँ हम तब से पढ़ते आ रहे हैं जब वह 12 साल का बच्चा था। अब वह युवा हो चुका है। उसकी कविताओं में भी अलग तरह की परिपक्वता दिखाई देने लगी है। बड़ी संभावनाएँ दिखाई देने लगी हैं। आज अमृत का जन्मदिन है। आइए उसकी कविताएँ …

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दीपक शर्मा की कहानी ‘चमड़े का अहाता’

हिंदी की वरिष्ठ लेखिका दीपक शर्मा का इक्कीसवाँ कहानी संग्रह हाल में प्रकाशित हुआ है- ‘पिछली घास’। हिंदी में उनकी कहानियों की चर्चा कम हुई है लेकिन उनकी कहानियों का बहुत अलग मिज़ाज है। आज उनकी कहानी पढ़िए वरिष्ठ लेखिका गगन गिल की भूमिका के साथ- ============================= दीपक शर्मा – …

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कठिन विषय का बेहतर निर्वाह

देवेश पथ सारिया उन कुछ युवा कवियों में हैं जो अच्छा गद्य भी लिखते हैं। ख़ासकर आलोचनात्मक गद्य। यह टिप्पणी उन्होंने युवा लेखिका अणुशक्ति सिंह के उपन्यास ‘शर्मिष्ठा’ के ऑडियो बुक को सुनकर लिखी है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित यह उपन्यास ऑडियो बुक में स्टोरीटेल पर उपलब्ध है। आप युवा …

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Pakistan can no longer play its double game, writes Aghan scholar

Crisis in Afghanistan is deepening, so the political situation. Read a small article by Afghan scholar Alhaj Ismail Nazarkhel- janki pul  ============================================= International politics is not driven by permanent friends or foes. Despite all its deeds, Pakistan is still considered as a pivotal political actor in South Asian politics in the …

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पेट्रोल, सोना और किताब

प्रसिद्ध लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक व्यंग्य भी बहुत अच्छा लिखते हैं। आज उनका ताज़ा व्यंग्य लेख पढ़िए- ====================================================== पेट्रोल जरूरत है। सोना हसरत है। इन दो चीजों की तुलना में किताब क्या है, कोई आलम फ़ाज़िल ही बता सकता है। पेट्रोल की जरूरत हमारे यहाँ गरीब तबके को नहीं होती …

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आज भी सबसे बड़े हैं प्रेमचंद

आज प्रेमचंद जयंती है। पढ़िए वरिष्ठ लेखक प्रकाश मनु का यह लेख प्रेमचंद की स्मृति को प्रणाम के साथ- …………………………………………………………………………………….. [1] प्रेमचंद पर लिखने बैठा हूँ, तो सबसे पहले जो बात मन में आती है और कागज पर उतरना चाहती है, वह यह कि प्रेमचंद से मेरी दोस्ती बचपन से …

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‘जूठन’ की काव्यात्मक समीक्षा

यतीश कुमार ने पुस्तकों पर काव्यात्मक टिप्पणी कर अपनी विशेष पहचान बनाई है। आज पढ़िए उनकी अपनी शैली में ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा ‘जूठन’ पर टिप्पणी- ===========================   डॉक्टर तुलसी राम की लिखी ‘मुर्दहिया’ और ‘मणिकर्णिका’ पढ़ने के बाद एक आलेख लिखा था। कई मित्रों ने यह सुझाया कि ओमप्रकाश …

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लाख दा’वे किये ख़ुदाई के–एक फ़िरऔन भी ख़ुदा न हुआ

जनाब सुहैब अहमद फ़ारूक़ी पुलिस अफ़सर हैं, अच्छे शायर हैं। उस्ताद शायरों जैसी सलाहियत रखते हैं। आज एक शेर में आए लफ़्ज़ के बहाने पूरा लेख लिख दिया। आप भी पढ़िए- ====================================  लाख दा’वे किये ख़ुदाई के–एक फ़िरऔन भी ख़ुदा न हुआ   यह शे’र तो ख़ैर मेरा है। अभी …

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‘न’ पर ‘आ’ की मात्रा ‘ना’!

हाल में ही नामवर सिंह की जीवनी आई थी ‘अनल पाखी’, जिसके लेखक हैं युवा लेखक अंकित नरवाल। आज नामवर जी की जयंती पर पढ़िए इस जीवनी का पहला अध्याय जो उनके शुरुआती जीवन को लेकर है- ============================== जीवनारंभ… जन्म को मिला ‘जीयनपुर’ कैसा था यह जीवन? बनारस की आबोहवा …

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