कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »शालू शुक्ल की कविताएँ
सिमोन द बोउआर का प्रसिद्ध कथन है “स्त्री पैदा नहीं होती, बनाई जाती है”। ठीक इसी तरह पुरुषों के लिए भ…
फ़ानूस और मशाल की फ़िल्म कारीगरी
आज पढिए संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज़ ‘हीरामंडी’ पर जाने माने पत्रकार-चित्रकार रवींद्र व्यास की सम्…
पल्लवी विनोद की कहानी ‘दृश्य’
यौन हिंसा पर आधारित यह कहानी लिखी है सुपरिचित लेखिका पल्लवी विनोद ने । पल्लवी लखनऊ में रहती हैं। आप …
यौनिकता की ‘जेंडर्ड’ व्याख्या : सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक
‘सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक’ सुरेन्द्र वर्मा का प्रसिद्ध नाटक है। प्र…
मनोज कुमार पांडेय की कविता ‘सलीब के बाद’
आज पढ़िए मेरी पीढ़ी के चर्चित कथाकार मनोज कुमार पांडेय की लंबी कविता ‘सलीब के बाद’। यह क…
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पल्लवी विनोद की कहानी ‘दृश्य’
यौन हिंसा पर आधारित यह कहानी लिखी है सुपरिचित लेखिका पल्लवी विनोद ने । पल्लवी …
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विनीता परमार की कहानी ‘अश्वमेध का घोड़ा’
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उज़्मा कलाम की कहानी ‘आधा अधूरा’
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शालू शुक्ल की कविताएँ
सिमोन द बोउआर का प्रसिद्ध कथन है “स्त्री पैदा नहीं होती, बनाई जाती है”। ठीक …
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मनोज कुमार पांडेय की कविता ‘सलीब के बाद’
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सरिता स्निग्ध ज्योत्स्ना की कविताएँ
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यतीश कुमार की पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ का एक अंश
कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
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गीताश्री के उपन्यास ‘सामा चकवा’ का एक अंश
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प्रदीप दाश के उपन्यास ‘चरु, चीवर और चर्या’ का अंश
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‘अग्निकाल; सल्तनतकालीन सिपहसालार मलिक काफ़ूर की कहानी’ का एक अंश
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पंकज दुबे के उपन्यास ‘इश्क़ बाक़ी’ का एक अंश
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यतीश कुमार की पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ का एक अंश
कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
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गीताश्री के उपन्यास ‘सामा चकवा’ का एक अंश
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प्रदीप दाश के उपन्यास ‘चरु, चीवर और चर्या’ का अंश
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‘अग्निकाल; सल्तनतकालीन सिपहसालार मलिक काफ़ूर की कहानी’ का एक अंश
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पंकज दुबे के उपन्यास ‘इश्क़ बाक़ी’ का एक अंश
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अनुकृति उपाध्याय से प्रभात रंजन की बातचीत
किसी के लिए भी अपनी लेखन-यात्रा को याद करना रोमांच से भरने वाला होता होगा …
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बेबी हालदार से शर्मिला जालान की बातचीत
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मेरी माँ बढ़िया जलेबी बनाती थी, मैं कहानियों की जलेबियाँ उतारती हूँ- अलका सरावगी
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मुझे लघु पत्रिकाएं और लेखक संगठन जरूरी लगते हैं- पल्लव
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नामवर सिंह की एक पुरानी बातचीत
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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-10 अंतिम
आप पढ़ रहे हैं तन्हाई का अंधा शिगाफ़। मीना कुमारी की ज़िंदगी, काम और हादसात …
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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-9
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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-8
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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-7
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तन्हाई का अंधा शिगाफ़ : भाग-6
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समकालीन हिंदी कहानी में सवर्ण स्त्रियों की उपस्थिति
समय के साथ हिंदी साहित्य में स्त्रियों का हस्तक्षेप बढ़ा तो है लेकिन उसमें फिर …
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रवीन्द्र सङ्गीत : प्रवेश
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आम जन के विद्रोह की रूपक कथा है ‘नौकर की कमीज’
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विश्व रंगमंच दिवस विशेष
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‘भक्त ध्रुव’ से ‘कहाँ खो गए हम’ तक
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विलियम डेलरिम्पल की दिल्ली
विलियम डेलरिम्पल द लास्ट मुगल के कारण चर्चा में रहे। बरसों पहले उन्होंने दिल्ली पर सिटी ऑफ जिन्स(जिन्नों का शहर), ए ईयर इन दिल्ली नामक पुस्तक लिखकर ख्याति अर्जित की थी। उसके बाद दिल्ली के इतिहास से जैसे उनको प्यार हो गया। उनकी व्हाइट मुगल नामक पुस्तक की पृष्ठभूमि भी …
Read More »‘लव इन द टाईम ऑफ कॉलरा’ से एक संपादित अंश
आधी सदी की प्रेमकहानीजहां तक फ्लोरेंतीनो एरिज़ा की बात है तो उसने उस दिन से एक पल भी उसके बारे में बिना सोचे नहीं बिताया था जब लंबे और तकलीफदेह प्रेम संबंध के बाद आज से 51 साल 9 महीने 4 दिन पहले फरमीना डाज़ा ने उसका प्यार ठुकरा दिया …
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