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गिरिराज किराड़ू की छः कविताएँ

कवि गिरिराज किराडू की ये आरंभिक कविताएँ हैं. जब ‘बहुवचन’ के प्रवेशांक में ये प्रकाशित हुई थीं तो अपने खिच्चेपन से इन्होने ध्यान आकर्षित किया था. यह कवि सफल कविता के बने-बनाये मुहावरों में शब्द नहीं बिठाता अपना मुहावरा बनाने की बेचैनी इन कविताओं में साफ़ दिखाई देती है. एक …

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सामंती समाज का पाकिस्तानी चेहरा

दो साल पहले पाकिस्तानी लेखक दनियाल मुईनुद्दीन और उनके पहले कहानी संग्रह इन अदर रूम्स, अदर वंडर्स की अमेरिका और यूरोप के अंग्रेजीभाषी देशों में जबर्दस्त चर्चा हुई। संग्रह के प्रकाशन से पूर्व उनकी कहानियां ग्रांटा, न्यूयॉर्कर जैसी अंग्रेजी की प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर प्रसिद्ध हो चुकी थीं। कहा …

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मार्केज़ जीवन-प्रसंग: पत्रकारिता से सीखे लेखन के गुर

मार्केज़ ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि वास्तव में पत्रकारिता और उपन्यास एक माँ की ही संतानें हैं। अपनी एक बातचीत में उन्होंने कहा था कि केवल एक तथ्य पत्रकारिता को संदिग्ध बना देता है जबकि कहानी-उपन्यास में अगर कोई एक तथ्य सही हो जाए तो वह पूरी कृति …

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