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संवाद और संवेदना की रेसिपी और लंचबॉक्स

यह सिर्फ ‘लंचबॉक्स‘ फिल्म की समीक्षा नहीं है. उसके बहाने समकालीन मनुष्य के एकांत को समझने का एक प्रयास भी है. युवा लेखिका सुदीप्ति ने इस फिल्म की संवेदना को समकालीन जीवन के उलझे हुए तारों से जोड़ने का बहुत सुन्दर प्रयास किया है. आपके लिए- जानकी पुल. =========================================== पहली …

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शैलप्रिया की कविताएँ

आज शैलप्रिया जी की कविताएँ प्रियदर्शन की भूमिका के साथ- जानकी पुल. ================================================== 18 साल पहले मां नहीं रही। तब वह सिर्फ 48 साल की थी। तब समझ में नहीं आता था, लेकिन आज अपनी 45 पार की उम्र में सोचता हूं, वह कितना कम जी सकी। हालांकि वह छोटा …

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एक गरिमामयी पुरस्कार की शुरुआत

शैलप्रिया स्मृति सम्मान एक दिसंबर 1994 को झारखंड की सुख्यात कवयित्री और स्त्री-संगठनों से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता शैलप्रिया का कैंसर की वजह से देहांत हो गया। तब वे 48 साल की थीं। उनके अपनों, और उनके साथ सक्रिय समानधर्मा मित्रों और परिचितों का एक विशाल परिवार है जो यह महसूस …

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