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हिंदी में मारियो वर्गास ल्योसा का उपन्यास ‘द स्टोरीटेलर’

ल्योसा को साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिले ठीक से महीना भी नहीं हुआ था कि १९८७ में लिखा उनका उपन्यास ‘द स्टोरीटेलर’ हिंदी में छपकर आ भी गया- ‘किस्सागो’ के नाम से. वैसे तो यह ल्योसा का सर्वश्रेष्ठ उपन्यास नहीं है लेकिन समकालीन भारतीय सन्दर्भ में इसके अनुवाद के प्रकाशन को …

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भुवनेश्वर की एक दुर्लभ कहानी ‘मास्टरनी’

भुवनेश्वर के जन्म-शताब्दी के साल में उनकी एक लगभग गुमनाम कहानी प्रस्तुत है. १९३८ में प्रकाशित इस कहानी को देखिये अपने समय की रचनाओं से कितनी अलग संवेदना की कहानी है- जानकी पुल. मास्टरनी उस रोज सुबह से पानी बरस रहा था. साँझ तक वह पहाड़ी बस्ती एक अपार और …

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भुवनेश्वर की अंग्रेजी कविताएँ शमशेर का हिंदी अनुवाद

भुवनेश्वर ने कुछ कविताएँ अंग्रेजी में लिखी थी. बाद में जिनका हिंदी अनुवाद शमशेर बहादुर सिंह ने किया. दोनों शताब्दी कवि-लेखकों की यह जुगलबंदी प्रस्तुत है- जानकी पुल. 1. रुथ के लिए मगन मन पंख झड़ जाते यदि   और देखने वाली आँखे झप जाती हैं शाहीन के अंदर पानी …

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