कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »वादे जुलूस नारे फिर-फिर वही नज़ारे
बिहार विधानसभा चुनावों के समय यह लिखा था. अब यूपी चुनावों के समय इस पोस्ट की याद आ गई- प्रभातबिहार में विधानसभा चुनाव हैं. मतदान शुरू होने में दस-बारह दिन रह गए हैं. लेकिन मुजफ्फरपुर में देख रहा हूँ शहर की दीवारें साफ़ हैं, न नारों की गूँज है, न …
Read More »