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वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ नई कविताएँ

भा.प्र.से. से जुड़े डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद अर्थशास्त्र एवं वित्तीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। वे पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर भी हैं। रचनात्मक लेखन में उनकी रुचि है। प्रस्तुत है भीड़भाड़ से दूर रहने वाले कवि-लेखक वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ कविताएँ और गीत-जानकी पुल ================================ [1]   …

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‘राजनटनी’ उपन्यास की काव्यात्मक समीक्षा

हाल में गीताश्री का उपन्यास ‘राजनटनी’ प्रकाशित हुआ है, जिसकी काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- ================================= राजनटनी 1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं   वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते हैं   घोर …

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बदलते समय के सांस्कृतिक क्षरण की दो कहानियां

कथाकार-उपन्यासकार संतोष दीक्षित ने इस लेख में रेणु जी की कहानी ‘रसप्रिया’ और मनोज रुपड़ा की कहानी ‘साज़-नासाज़’ के बहाने सांस्कृतिक क्षरण को रेखांकित किया है। एक अच्छा लेख- =================  ‘रसप्रिया’ रेणु की प्रारंभिक कहानियों में से है। इसका मर्म रेणु के ही नहीं, हिंदी के सम्पूर्ण कथा साहित्य तक …

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