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क्या ब्रजेश्वर मदान को भुला दिया जाना चाहिए?

‘जानकी पुल’ पर शशिभूषण द्विवेदी के लिखे लेख ‘बर्बाद जीनियस थे ब्रजेश्वर मदान’ की टिप्पणी में ब्रजेश्वर मदान के भतीजे आदित्य मदान ने कमेन्ट में लिखा- ब्रजेश्वर मदान इज नो मोर. इस एक पंक्ति ने हमारे में में चल रहे होने न होने उस द्वंद्व को ख़त्म कर दिया जो …

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ब्रजेश्वर मदान की अंतिम प्रकाशित कविताएँ

अद्वितीय गद्यकार ब्रजेश्वर मदान के मरने की खबर आज जानकी पुल पर उनके भतीजे आदित्य मदान के एक कमेन्ट के माध्यम से मिली. उसमें कुछ नहीं लिखा है कि उनका देहांत कब हुआ. बहरहाल, यह सच है कि उनका देहांत हो गया क्योंकि वही उनकी देखभाल कर रहा था. मुझे …

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दीक्षांत के साथ जीवन की शिक्षा का आरम्भ होता है!

दीक्षांत समारोह आम तौर पर विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा के समापन के पश्चात आयोजित किया जाता है. आम तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय सहित तमाम विश्वविद्यालयों के डिग्री कॉलेजों में दीक्षांत समारोह के आयोजन की प्रथा व्यापक नहीं रही है. जबकि ग्रेजुएट होने वाले विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन …

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