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जब चेतन भगत को पढने से परहेज नहीं तो पढ़ाने से क्यों?

‘हर तरफ ऐतराज होता है मैं अगर रौशनी में आता हूँ- लगता है दुष्यंत कुमार ने यह शेर चेतन भगत के लिए ही लिखा था. हालाँकि जितना ऐतराज होता है वे उतनी अधिक रौशनी में आते हैं. वे मुझे बहुत पसंद हैं- इसलिए नहीं कि वे बहुत अच्छा लिखते हैं. …

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सवाल सीता की मुक्ति का नहीं सीता से मुक्ति का है?

23 अप्रैल को दिल्ली के मुक्तांगन में ‘एक थी सीता’ विषय पर बहुत अच्छी चर्चा हुई. उसकी एक ईमानदार रपट लिखी है जेएनयू में कोरियन विभाग की शोध छात्रा रोहिणी कुमारी ने- मॉडरेटर ==================================== मुक्ताँगन : नाम में ही अपनापन है और जो लोग इसका आयोजन करते हैं वे इस …

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गौरव अदीब की नज़्में

आज पढ़िए गौरव अदीब की नज़्में – मॉडरेटर ======================================================= 1.  सुनो अमृता, हो सकता है कल बहुत सारे सवालों को टाल जाऊं मैं   दरअसल सवाल बेचैन कर देते हैं मुझे क्योंकि मैं सवालों से ही तो घिरा रहता हूँ हर वक़्त   क्या कुछ सवालों को सवाल नही रहने …

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