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जब एक क़ज़ा से गुज़रो तो इक और क़ज़ा मिल जाती है

उम्र से लम्बी सड़कों पर ‘गुलज़ार’ 19 जनवरी की शाम गुलज़ार रही, गुलज़ार के नाम रही। मौक़ा था कवि-चिकित्सक विनोद खेतान लिखित पुस्तक “उम्र से लम्बी सड़कों पर गुलज़ार” के लोकार्पण का। ‘वाणी’ से प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक ने बड़े आत्मीय ढंग से गुलज़ार के फ़िल्मी गीतों की परतों …

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पांचवें युद्ध की बात भारत क्यों छेड़ने बैठे?

ऐसे समय में जब भाजपा की ओर से लगातार युद्ध का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, पहले सुषमा स्वराज का बयान आया, आज ‘जनसत्ता’ में तरुण विजय ने भी लिखा है, बौद्धिक समुदाय का यह कर्तव्य बनता है कि युद्ध के खिलाफ माहौल बनाया जाए. आज ‘जनसत्ता’ …

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ये एक पहल है नए मीडिया से जुड़ने की

वैस्टलैंड बुक्स / यात्रा बुक्स की  कहानी 140 योजना को लेकर हमारे पास भी बहुत से लोगों के सवाल आए कि किस तरह से इस योजना का हिस्सा बना जाए? किस तरह से १४० कैरेक्टर्स में कहानी लिखी जाए? वगैरह-वगैरह. ऐसी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए ही हमने यात्रा …

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