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अज्ञेय विप्लवी, विद्रोही और क्रांतिकारी थे- उदयप्रकाश

आज अज्ञेय की जन्म-शताब्दी है. आज से अज्ञेय के साहित्य को लेकर तीन दिनों के कार्यक्रम का भी शुभारंभ हो रहा है. जिसमें एक वक्ता उदयप्रकाश भी हैं. इस अवसर पर अज्ञेय को लेकर उनके विचारों से अवगत होते हैं. प्रस्तुति हमारे ब्लॉगर मित्र शशिकांत की है- जानकी पुल. अभी …

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संस्कृति का तीर्थ है ‘मुअनजोदड़ो’

इतिहासकार नयनजोत लाहिड़ी ने अपनी पुस्तक ‘विस्मृत नगरों की खोज’ में लिखा है कि १९२४ की शरद ऋतु में पुरातत्ववेत्ता जॉन मार्शल ने एक ऐसी घोषणा की, जिसने दक्षिण एशिया की पुरातनता की उस समय की सारी अवधारणाओं को चमत्कारिक ढंग से परिवर्तित कर दिया: यह घोषणा थी ‘सिंधु घाटी …

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रेणु जी की कविता ‘मेरा मीत सनीचर!’

आज फणीश्वरनाथ रेणु का जन्मदिन है. आज उनकी एक कविता पढते हैं जिसमें उनकी वही किस्सागोई है, उनकी कहानियों जैसे ही भोला एक पात्र है और वही जीवंत परिवेश. जाने क्या है इस कविता में कि जब भी पढता हूँ आँखें पनियाने लगती हैं. आप में से बहुतों ने पढ़ी …

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