Recent Posts

हिंदी अनुवाद में अमिताव घोष का उपन्यास ‘सी ऑफ पॉपीज़’

हिंदी में अमिताव घोष का सी ऑफ पॉपीज़ अफीम सागर के नाम से प्रकाशित हुआ है. ध्यान रहे कि इस उपन्यास की कथा का क्षेत्र पूर्वी भारत है. कहानी उस दौर की है जब वहाँ से लोगों को गिरमिटिया बनाकर मॉरिसस और कैरेबियाई देशों में भेजा जा रहा था. हिंदी …

Read More »

नक्श लायलपुरी की गज़लें

मैं दुनिया की हक़ीकत जानता हूँकिसे मिलती है शोहरत जानता हूँ मेरी पहचान है शेरो सुख़न सेमैं अपनी कद्रो-क़ीमत जानता हूँ तेरी यादें हैं, शब बेदारियाँ हैंहै आँखों को शिकायत जानता हूं मैं रुसवा हो गया हूँ शहर-भर मेंमगर ! किसकी बदौलत जानता हूँ ग़ज़ल फ़ूलों-सी, दिल सेहराओं जैसामैं अहले …

Read More »

२५ बरस का हंस

मदन मोहन झा सर एक दिन घर के अन्दरवाले कमरे से एक पत्रिका निकाल कर लाए. देते हुए कहा था, इसे पढ़ना साहित्य के संस्कार आयेंगे. बात सन ८६ की है. उसी साल मैंने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. उसी की कहानियों को पढते हुए मैंने कथाकार बनने के …

Read More »