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नहीं बनी कोई कविता आज सुबह की यंत्रणा के बाद

आज पंखुरी सिन्हा की कविताएं। पंखुरी की पहचान एक कथाकार की रही है। लेकिन हाल के वर्षों में उन्होने कविता को अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में चुना है। उनकी कुछ चुनिन्दा कविताएं उनके सार्थक वक्तव्य के साथ- जानकी पुल ============================= “लीडर कलक्टर साथ ही खाते पराठा गोश्त है मैं हाई …

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चौरी चौरा का विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन

चौरी चौरा का महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन के संदर्भ में बहुत महत्व है। इस घटना के आधार पर लोगों की स्मृतियों के आधार पर प्रसिद्ध इतिहासकर शाहिद अमीन ने ‘event metaphor memory’ नामक पुस्तक लिखी थी। अभी हाल में ही हिन्दी लेखक सुभाष चन्द्र कुशवाहा ने किस्से-कहानियों के माध्यम …

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केदारनाथ सिंह हमारी भाषा के मीर तकी मीर हैं

80 साल की उम्र में केदारनाथ सिंह का आठवाँ कविता संग्रह आया है- ‘सृष्टि पर पहरा’। अपनी जमीन पर इतनी दूर तक इतनी मजबूती के साथ खड़ा शायद ही कोई दूसरा कवि दिखाई देता हो। प्रियदर्शन ने इन कविताओं के बहाने केदार जी की कविताई-जमीन पर बढ़िया लिखा है, अपने …

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