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विमलेश त्रिपाठी का स्तम्भ ‘एक गुमनाम लेखक की डायरी’-1

आज युवा कवि विमलेश त्रिपाठी का जन्मदिन है। आज के दिन वे जानकी पुल के लिए एक साप्ताहिक स्तम्भ लिखेंगे। ‘एक गुमनाम लेखक की डायरी’ नामक स्तम्भ की पहली किस्त पढ़िए- ======================= मेरा जन्म ऐसे परिवेश में हुआ जहां लिखने-पढ़ने की परम्परा दूर-दूर तक नहीं थी। कहने को हम ब्राह्मण …

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कांदुर कड़ाही:  चूल्हे-चौके से बाहर रौशन होती एक दुनिया

नाटककार, अभिनेत्री विभा रानी का उपन्यास आया है ‘कांदुर कड़ाही’। यह हिंदी में अपने ढंग का अनूठा उपन्यास है। कश्मीर और बिहार की दो विस्थापित स्त्रियों की स्मृतियाँ हैं, देश भर की रेसिपी है और अपनापे की एक कहानी। वनिका पब्लिकेशंस से प्रकाशित इस उपन्यास पर सारंग उपाध्याय ने यह …

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उर्मिला गुप्ता का लेख ‘आधा आसमान’

आज पढ़िए उर्मिला गुप्ता का यह लेख जो अनुवाद के बहाने आधी आबादी की बात को बड़ी गम्भीरता से उठाने वाली है। उर्मिला गुप्ता अनुवादक, संपादक हैं। आइए उनका लेख पढ़ते हैं- =================================== बात शुरू हुई माओ की लाइन ‘women hold up half the sky’ के हिंदी समानांतर से। शाब्दिक …

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