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ये आंदोलन कहीं ज्‍यादा सोशल-मीडिया के हैं

दिल्ली में बलात्कार की नृशंस घटना के बाद जिस तरह से छात्र-युवा सड़कों पर उतरे हैं, उसके बाद इस आंदोलन की प्रकृति को लेकर बहस शुरु हो गई है. राकेश श्रीवास्तव के इस लेख को भी इसी सन्दर्भ में देखा जा सकता है- जानकी पुल. =========================== …यह महज उच्‍च जातियों …

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नालायक बनने में ही आदमी का बचाव है

आज कुछ कविताएँ रामजी तिवारी की. समय-समाज की कुछ सच्चाइयों के रूबरू उनकी कविताएँ हमें हमारा बदलता चेहरा दिखाती हैं- जानकी पुल. ================================         1….   मुखौटे मुखौटे तब मेले में बिकते, राक्षसों और जानवरों के अधिकतर होते जो भारी, उबड़ खाबड़ और बहुत कम देर टिकते| पहनते …

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कविता कोश, दिनकर और अफजल गुरु

आशुतोष कुमार का यह लेख आंखें खोल देने वाला है- जानकी पुल. =========================================== सौ बार दुहराने से झूठ सच हो जाता है , गोएबल्स का यह सिद्धांत साम्प्रदायिक दक्षिणपंथी सोच की जीवनधारा है. सामने दिख रहे सच को झुठलाने के लिए पहले अपने अतीत को झुठलाना जरूरी है , वे जानते …

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