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वे व्यवस्थित और कलात्मक ढंग से हिन्दी का नाश करते हैं

युवा विमर्शकार, ब्लॉगर विनीत कुमार का यह लेख इस सवाल के जवाब से शुरु हुआ कि आखिर हिंदी के भविष्य को लेकर किए जाने वाले आयोजनों में युवा लेखकों को क्यों नहीं बुलाया जाता है, लेकिन उन्होंने बड़े विस्तार से हिंदी के वर्तमान परिदृश्य और युवा लेखन के अपने अंतर्विरोधों …

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ई-चरखे पर सूत कातते गाँधी

हाल में ही मुंबई में ‘एटर्नल गाँधी’ शीर्षक से प्रदर्शनी लगी थी. आज बापू के जन्मदिन पर उसी प्रदर्शनी के बहाने गांधी को याद कर रहे हैं कवि-संपादक निरंजन श्रोत्रिय– जानकी पुल.=================================================          पिछले दिनों मुंबई में एक “अद्भुत” प्रदर्शनी देखने का अवसर मिला! फ़ोर्ट एरिया के …

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मैं पुरस्कारों को गम्भीरता से नहीं लेता

हाल में ही युवा कथाकार चंदन पांडे का कहानी संग्रह पेंगुइन से आया है ‘इश्कफरेब’. इस अवसर पर प्रस्तुत है उनसे एक बातचीत. यह बातचीत की है युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा ने- जानकी पुल. === === ===  त्रिपुरारि : चंदन जी, पहले तो आपकी नई किताब ‘इश्क़फ़रेब’ के लिए …

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