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मीडिया से राडिया तक

प्रसिद्ध पत्रकार-मीडिया विश्लेषक दिलीप मंडलजी का यह लेख ‘पाखी’ के मीडिया विशेषांक में प्रकाशित हुआ है. लेख इतना अच्छा और ज़रूरी लगा कि सोचा आपसे साझा किया जाए. हम दिलीपजी के आभारी हैं कि उन्होंने लेख के शीर्षक में किंचित बदलाव के साथ हमें प्रकाशित करने की अनुमति दी- जानकी …

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जीवन को छलता हुआ, जीवन से छला गया

आज मोहन राकेश का जन्मदिन है. हिंदी को कुछ बेजोड़ नाटक और अनेक यादगार कहानियां देने वाले मोहन राकेश ने यदा-कदा कुछ कविताएं भी लिखी थीं. उनको स्मरण करने के बहाने उन कविताओं का आज वाचन करते हैं- जानकी पुल. १. कुछ भी नहीं  भाषा नहीं, शब्द नहीं, भाव नहीं, कुछ …

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दाढ़ी वाला आदमी जो मरना या जीना चाहता है ?

बेल्जियम के युवा कवि स्टीवेन वान नेस्ट की कविताओं से मेरा परिचय करवाया हिंदी के युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा ने. कविताएँ अच्छी लगीं तो मैंने सोचा क्यों न इस कवि से आपका परिचय करवाया जाए.  हिंदी अनुवाद त्रिपुरारि ने ही किया है- जानकी पुल. 1. दिल का दौरादुनिया रोती …

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