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युवा कवि चंद्रकुमार की कविताएँ

चंद्रकुमार ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयार्क से पढ़ाई की। वे आजकल एक निजी साफ्टवेयर कंपनी में निदेशक है लेकिन उनका पहला प्यार सम-सामयिक विषयों पर पठन-लेखन है। स्थानीय समाचार पत्रों में युवाओं के मार्गदर्शन के लिए लंबे समय तक एक नियमित स्तंभ लेखन के साथ ही खेल, राजनीति, शिक्षा, कलाओं और …

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स्मृतियों में धड़कता इलाहाबाद

वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद’ पर यह सुंदर टिप्पणी लिखी है आलोक कुमार मिश्रा ने। आप भी पढ़िए और ममता जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीजिए- ============== ‘इलाहाबाद मेरे लिए यूटोपिया में तब्दील होता जा रहा है। वह गड्ढों-दुचकों भरा ढचर-ढूँ शहर जहाँ ढंग की कोई …

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  ‘सरदार उधम’ : एक क्रांतिकारी को विवेक सम्मत श्रद्धा–सुमन

आजकल ‘सरदार उधम’ फ़िल्म की बड़ी चर्चा है। इसी फ़िल्म पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है मनोज मल्हार ने, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हैं। आप भी पढ़िए- ========================= सरकारें अक्सर अपनी विचारधारा के अनुरूप कला , संस्कृति और सिनेमा को प्रोत्साहित करती है. कांग्रेस की सरकारें पहले धर्मनिरपेक्षता …

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